☀नवधाभक्ति - 328
? अमृत माँ जिनवाणी से - ३२८ ?
*"नवधा भक्ति का कारण"*
आचार शास्त्र पर पूज्य आचार्य श्री शान्तिसागर जी महराज का असाधारण अधिकार था, यही कारण है कि सभी उच्च श्रेणी के विद्वान आचार शास्त्र की शंकाओं का समाधान आचार्य महराज से प्राप्त करते थे। आचार्यश्री की सेवा में रहने से अनेक महत्व की बातें ज्ञात हुआ करती थी।
शास्त्र में कथित नवधा-भक्ति के संबंध में आचार्यश्री ने कहा था-
"नवधा भक्ति अभिमान-पोषण के हेतु नहीं है। वह धर्म रक्षण के लिए है। उससे जैनी की परीक्षा होती है। अन्य लोग धोखा नहीं दे सकते हैं।"
*? स्वाध्याय चा. चक्रवर्ती ग्रंथ का ?*
?आजकी तिथी - चैत्र शुक्ल ७?
0 Comments
Recommended Comments
There are no comments to display.