?कल ५ मई, दिन गुरुवार, वैशाख कृष्ण चतुर्दशी की शुभ तिथी को २१ वे तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ नमिनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक पर्व तथा १५ वे तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ धर्मनाथ भगवान का गर्भ कल्याणक तथा चतुर्दशी पर्व है।
? कल गर्भ,मोक्ष व चतुर्दशी पर्व है?
जय जिनेन्द्र बंधुओं,
कल ५ मई, दिन गुरुवार, वैशाख कृष्ण चतुर्दशी की शुभ तिथी को २१ वे तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ नमिनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक पर्व तथा १५ वे तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ धर्मनाथ भगवान का गर्भ कल्याणक तथा चतुर्दशी पर्व है।
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कल अत्यंत भक्ति भाव से नमिनाथ भगवान की पूजन करना चाहिए तथा निर्वाण लाडू आदि चढ़ाकर जन्म, ज्ञान व मोक्ष कल्याणक पर्व मनाना चाहिए। निर्वाण महोत्सव के इस विशेष अवसर पर अपने भी निर्वाण की भावना करना चाहिए।
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इस अवसर पर हम सभी को नमिनाथ भगवान के श्री चरणों में यही भावना करना चाहिए कि हे भगवन जिस तरह आपके जीव ने अहिंसा व्रतों को धारण कर विशेष पुरुषार्थ द्वारा वीतराग अवस्था को प्राप्त किया एवं तदनंतर उत्कृष्ट सुख को प्राप्त किया उसी तरह हम भी अहिंसा व्रतों को धारण कर शीघ्र ही अपना कल्याण करें।
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भगवान के निर्वाण कल्याणक आदि विशेष पर्वों को सभी जगह की जैन समाज को अपने-२ शहर में सामूहिक रूप से विशेष प्रभावना के साथ मनाना चाहिए।
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नाथ नमि को माथ नमि के,
मैं करूँ नित वंदना।
वंदना का फल मिले वस,
होय अब तो बंध ना।।
चिन्ह इनका कमल है ये,
कमल सम ही मनहरा।
आपके दर्शन किये तो,
काम मेरा सब सरा।।
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??नमिनाथ भगवान की जय??
??निर्वाण स्थल मित्रधरकूट की जय??
??निर्वाण भूमि शिखरजी की जय??
?तिथी - वैशाख कृष्ण १३/१४?
?? आचार्यश्री विद्यासागर सेवासंघ ??
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