देखिये भारत की तस्वीर 33-35
प्रश्न 33 राजा भरत के द्वारा चक्र छोड़ा जाने पर राजा बाहुबलि की मनोस्थिति कैसी थी और उन्होंने क्या किया ?
उत्तर 33 भरत के चक्र को देखकर भरत ने मन में विचार किया कि आज मैं भरत को धरती पर गिरा देता हूँ किन्तु पुनः विचार आया, नहीं, नहीं, राज्य के लिए अनुचित किया जाता है। भाई, बाप और पुत्र को भी मार दिया जाता है। मुझे धिक्कार है। मैं राज्य छोड़कर अचल, अनन्त सुख के स्थान मोक्ष की साधना करूँगा। तभी उन्होंने भरत को धरती का उपभोग करने के लिए कहकर संन्यास ग्रहण कर लिया।
प्रश्न 34 राजा भरत ने ऋषभदेव के समवशरण में ऋषभदेव से क्या पूछा ?
उत्तर 34 भरत ने ऋषभदेव से मुनि बाहुबलि के द्वारा घोर तप किये जाने पर भी उन्हें केवलज्ञान की प्राप्ति नहीं होने का कारण पूछा।
प्रश्न 35 भरत के प्रश्न का ऋषभदेव ने क्या उत्तर दिया ?
उत्तर 35 ऋषभदेव ने बताया कि आज भी बाहुबलि के मन में यह ईषत् कषाय है कि जब मैंने अपनी धरती भरत को समर्पित कर दी है तब भी मैंने अपने पैरों से उनकी धरती क्यों चाप रखी है ? इसीलिए प्रव्रज्या लेने के बाद भी वे केवलज्ञान नहीं प्राप्त कर सके।
(क्या आज भी हमारे परिवारों में ऋषभदेव जैसे पिताजी हैं जो अपनी संतानों के प्रति अपने कत्र्तव्य का निर्वाह कर राग-द्वेष से परे हो उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। तो वे अवश्य देखें ऋषभदेव में अपनी तस्वीर )
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