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Jinvani
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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव
शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)
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Posts posted by Saroj jain darya ganj
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1452
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8 hours ago, admin said:
ज्ञान ही भव का कूल कहाता, राग सहित जग में भटकाता ।
हम हैं कितने ज्ञान के धारी, सोच बताओ सब नर-नारी ॥
आज रत्रि 10 बजे तक दे सकते हैं उत्तर
आपके उत्तर रात्रि 10 बजे तक किसी को भी नहीं दिखेंगे
3 ज्ञान के धारी
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1 hour ago, admin said:
पूज्यपाद मुनि ने है लिक्खा, इष्टोपदेश शुभ नाम है रक्खा ।
कुल श्लोक है कितने इसमें, सही बताओ ज्ञात हो क्षण में ॥
256श्लोक
अहिंसा संगोष्ठी : अहिँसा विषय पर आपकी पंक्तियां
In Non-violence, Ahinsa
Posted
अहिंसा का दूसरा रूप त्याग है और हिंसा का दूसरा रूप स्वार्थ है।
मन में किसी का अहित न सोचना ,किसी को कटुवाणी आदि के द्वारा भी नुकसान न देना तथा कर्म से भी किसी भी अवस्था मे हिंसा न करना ,अहिंसा है।जैन धर्म और हिन्दू धर्म मे अहिंसा का बहुत महत्त्व है ।जैन धर्म के मूलमंत्र मे भी अहिंसा परमो धर्मः कहा गया है।
अहिंसा भी दो प्रकार की है स्थूल और सूक्ष्म