*➡आज व्हाट्सएप पर निम्नलिखित msg और उसके साथ कुछ वीडियो एवं फ़ोटो वायरल हुई*
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Sector 11 उदयपुर में एक आचार्य महाराज जी के संघ मे 3 years का बच्चा महाराज जी के पास aata है रोज मुनि मुद्रा मे आचार्य श्री के साथ साथ रहता है उनको नहीं छोड़ता... मुनि धर्म की कॉपी करता है कमंडल पिचि सब रखता hai.. आहार चर्या मे उतरता hai.. जय हों jain धर्म के पूर्व संस्कार ... इसमें दिख rahe.. 24sep2019
➡ जैन शास्त्रों में *ब्रह्म गुलाल* की कहानी इस विषय पर स्पष्ट है कि एक बार दिगंबर मुनि मुद्रा धारण करने के बाद उसे छोड़ नहीं सकते।
➡ शास्त्रों में ८ वर्ष अन्तर्मुहूर्त से कम उम्र के लड़कों को दीक्षा ग्रहण करने के अयोग्य बताया है।
➡ ऐसे में ३ साल के अनभिज्ञ बालक को नग्न करके उसे पिच्छी कमंडल देकर पड़गाहन के लिए विधि लेकर आहार चर्या पर निकलते हुए देखकर आश्चर्य हुआ कि उस बालक के माता पिता को जैन धर्म के मूल तथ्यों एवं दिगंबर दीक्षा के विषय में जानकारी का अभाव है जिस वजह से उन्होंने इसे केवल एक बाल क्रीड़ा के रूप में देखते हुए अपने बालक को मुनि चर्या करने के लिए सम्मति दी होगी।
➡ सभी अभिभावकों से निवेदन है कि उपरोक्त कारणों की वजह से अपने बच्चों को कभी भी देखादेखी दिगंबर मुनि की तरह चर्या न करवाएं।
➡ अपने बच्चों को नाटक आदि में भी दिगंबर मुनि का अभिनय नहीं करवाएं।
➡ दिगंबर मुनि की मुद्रा और चर्या यह नाटक अथवा अभिनय का विषय नहीं है और एक बार दिगम्बरत्व धारण करने पर छोड़ने से क्या दोष लगता है यह किन्ही जानकार विद्वान से पूछें।
*🙏🏽कृपया यह msg उन सभी ग्रुप्स में प्रेषित करें जहां उपरोक्त ३ वर्ष के बालक की मुनि मुद्रा में फ़ोटो एवं वीडियो भेजे गए हैं*
*⛳जिनशासन जयवंत हो⛳*
*💎जिनशासन संघ💎*
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