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Jinvani
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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव
शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)
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Posts posted by PreetiJain
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माता त्रिशला का नाम: प्रियकारिणी
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बालक महावीर के
दादा जी का नाम: राजा सर्वार्थ
और
दादी जी का नाम : रानी श्रीमती
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आचार्य श्री जी ने सन 1985 आहारजी में चटाई का त्याग किया।
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णमोकार मंत्र प्राकृत भाषा और आर्या छंद में लिखा गया है।
यह अनादिनिधन मंत्र है, इसकी रचना किसी ने नहीं की है। यह अनादि काल से है और अनंत काल तक रहेगा।
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महावीर जन्म कल्याणक का पर्व महावीर स्वामी के जन्म दिन पर मनाया जाता है। इस वर्ष महावीर जन्म कल्याणक 14 अप्रैल (चैत्र शुक्ल त्रयोदशी) को मनाया जा रहा है। महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर है। उनका पूरा जीवन ही उनका संदेश माना जाता है। यह एक पर्व या उत्सव ही नहीं, बल्कि सत्य, सादगी, अहिंसा और पवित्रता का प्रतीक है। महावीर भगवान ने लोगों को समृद्ध जीवन और आंतरिक शांति पाने के लिए निम्नलिखित 5 सिद्धांत बताएं हैं।
- 1)अहिंसा:
- 2)सत्य:
- 3)अस्तेय
- 4)ब्रह्मचर्य
- 5)अपरिग्रह
भगवान महावीर ने अपने प्रवचनों में धर्म, सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह, क्षमा पर सबसे अधिक महत्व दिया। त्याग और संयम, प्रेम और करुणा, शील और सदाचार ही उनके प्रवचनों का सार था।
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जय जिनेन्द्र 🙏।
सभी को बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐💐।
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अहिंसा का अर्थ केवल हिंसा करना नहीं है, अपितु दया, करूणा, मैत्री, सहायता, सेवा, और क्षमा करना भी है।
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जय जिनेन्द्र 🙏।
श्री 1008 आदिनाथ भगवान माघ कृष्ण चतुर्दशी को अष्टापद (कैलाश पर्वत) से मोक्ष गए।
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1️⃣ किसी बात की अधिकता को कहते है-- अति
कषाय होती है-- चार
व्रत में दोष लगना कहलाता है------ अतिचार
🅰️ अति + चार -- अतिचार
2️⃣ शरीर का पर्यावाची--- काया
त्याग करना को कहते है---- उत्सर्ग
पूजन,पाठ के अंत मे करते है---- कायोत्सर्ग
🅰️ काया + उत्सर्ग -- कायोत्सर्ग
3️⃣ मल रहित अर्थात---- विमल
आवागमन के साधन को कहते है----- वाहन
एक कुलकर का नाम----- विमलवाहन
🅰️ विमल + वाहन -- विमलवाहन
4️⃣ हार का विलोम--- जीत
मित्र का विलोम----- शत्रु
एक रूद्र का नाम----- जितशत्रु
🅰️ जित + शत्रु -- जितशत्रु
5️⃣ बैल का पर्यायवाची---- नंदि
सखा का पर्यायवाची----- मित्र
एक बलदेव का नाम------ नंदिमित्र
🅰️ नंदि + मित्र -- नंदिमित्र
6️⃣ नारी का विलोम---- नर
मुँह का तत्सम रूप----- मुख
एक नारद का नाम------ नरमुख
🅰️ नर + मुख -- नरमुख
7️⃣ एक द्वीप का नाम--- जम्बू
प्रभु का पर्यायवाची---- स्वामी
एक कामदेव का नाम---- जम्बूस्वामी
🅰️ जम्बू + स्वामी-- जम्बूस्वामी
8️⃣ नर का पर्यायवाची---- पुरुष
श्रेष्ठ का अर्थ है----- उत्तम
एक नारायण का नाम----- पुरूषोत्तम
🅰️ पुरूष + उत्तम -- पुरूषोत्तम
9️⃣ उपवन में खिलते है---- पुष्प
दाँत का तत्सम रूप---- दंत
एक आचार्य का नाम----- पुष्पदंत
🅰️ पुष्प + दंत -- पुष्पदंत
1️⃣0️⃣ कठोर,सख्त अर्थात---- वज्र
सजा को कहते है---- दंड
एक तीर्थंकर का चिन्ह--- वज्रदंड
🅰️ वज्र + दंड -- वज्रदंड
1️⃣1️⃣ ऊर्जा का एक स्त्रोत्र--- नाभि
राज दरबार मे शीर्ष सिहासन पर विराजित होता है----- राजा
एक तीर्थंकर के पिता----- नाभिराय
🅰️ नाभि + राजा -- नाभिराय
1️⃣2️⃣ मूर्ति या प्रतिमा को कहते है---- चैत्य
भवन का पर्यायवाची---- आलय
मन्दिरजी जिसका शिखर नही होता है वह कहलाता है------ चैत्यालय
🅰️ चैत्य + आलय -- चैत्यालय
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दादाजी- राजा सर्वार्थ जी
दादीजी - रानी श्रीमती जी
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1008 श्री आदिनाथ भगवान जी के मोक्ष कल्याणक पर्व पर सभी को बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐🎉
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💖 *शुभकामनाओं का एक दीप हमारा भी स्वीकार करें* 💖
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🎪 *वो सुबह भी क्या सुबह थी*-
🎪 *जब महावीर मोक्ष पधारे थे*-
🎪 *वो शाम भी क्या शाम थी*-
🎪 *जब गौतम केवलज्ञान धारे थे*-
🪔🔹🪔🔹🪔
🟣 *सम्पूर्ण ज्ञान दिया गौतम को*🚩
🟣 *ज्ञान का दीप जलाने को*-- 📚
🟣 *खुद सिध्दशिला जा विराजे*-- 📚
🟣 *अविरल अनंत सुख पाने को*🚩
🪔🔹🪔🔹🪔🔹🪔
🎉 *इस दीवाली जलाना एक ऐसा दिया*- 🪔
🎉 *जो रोशन कर दे अपना जिया*- 🪔
🎉 *जिससे हो जाए उजाला*- 🪔
🎉 *बस सम्यकज्ञान का*-
🟪🔹🟪🔹🟪🔹🟪
🚩 *तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण महोत्सव, तथा इन्द्रभूति गौतम गणधर जी के केवलज्ञान प्रकट होने पर कोटि, कोटि नमन*---- 🙏
💐💐 *दीपमालिका पर्व की अनेकानेक मंगलमयी शुभकामनाओं के साथ*--- 🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
🙏🙏🙏सौरभ प्रीति प्रिंस, मायरा जैन 🙏🙏🙏 -
हमारा पूरे परिवार का आजीवन त्याग है पटाखे चलाने का।
आपके कार्य की बहुत बहुत अनुमोदना।
सौरभ, प्रीति, प्रिंस और मायरा जैन।
इंदौर मध्यप्रदेश
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अनन्तवीर्यजी
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5 hours ago, admin said:
भद्रबाहु स्वामि श्रुतधारी, शीश झुकाए जनता सारी ।
देह कहाँ पर त्यागी गुरुवर, कौन बताए सुख का सरवर ॥
श्रवणबेलगोला।
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राजा मधु
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इष्टोपदेश जी में 51 श्लोक हैं।
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सात भूमियों (धम्मा, वंशा, मेघा, अञ्जना, अरिष्टा, मघवी और माघवी) की प्रथम भूमि में 13, फिर आगे-आगे क्रमश: 11,9,7, 5, 3 और 1 पटल है।
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शराब, मांस, शहद, रात्रि-भोजन, पांच उदम्बर फल (बड़ फल, पीपल, फल, पाकर फल, गूलर, और अंजीर) इन सबका त्याग तथा पंचपरमेष्ठी की भक्ति, जीव दया पालन और जल छानकर पीना।
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चंदाप्रभुजी और पुष्पदंतजी भगवान
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On 9/1/2020 at 6:04 PM, admin said:
क्या पहेली प्रतिदिन जारी रखें ?
जय जिनेन्द्र 🙏। हां।
Yes, This is very informative.
Yes, This is very informative.
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10 hours ago, admin said:
चौरासी लाख योनि निम्न हैं
1. नित्य निगोद 7 लाख
2. इतर निगोद 7 लाख
3. पृथ्वीकायिक 7 लाख
4. जलकायिक 7 लाख
5. अग्निकायिक 7 लाख
6. वायुकायिक 7 लाख
7. वनस्पतिकायिक 10 लाख
8. दो इन्द्रिय 2 लाख
9. तीन इन्द्रिय 2 लाख
10. चार इन्द्रिय 2 लाख
11. नारकी 4 लाख
12. तिर्यञ्च 4 लाख
13. देव 4 लाख
14. मनुष्य 14 लाख
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On 9/1/2020 at 6:04 PM, admin said:
क्या पहेली प्रतिदिन जारी रखें ?
हां।🙏🙏🙏
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9 का अङ्क शाश्वत है, उसमें कितनी भी संख्या का गुणा करें और गुणनफल को आपस में जोड़ने से 9 ही रहता है। जैसे 9x3=27 (2+7=9) अतः शाश्वत पद पाने के लिए 9 बार पढ़ा जाता है। कर्मो का आस्रव 108 द्वारों से होता है, उसको रोकने हेतु 108 बार णमोकार मन्त्र जपते हैं।
एक सौ आठ पापों का क्षय करने की एक भावना है। (समरंभ , समारम्भ, आरम्भ) गुणा (मन, वचन, काय) गुण (कृत, कारित, अनुमोदना) गुणा (क्रोध, मान, माया, लोभ) = 3 गुणा 3 गुणा 3 गुणा 4 गुणा = 108
भगवान महावीर पहेली प्रश्न 3
In जैन धर्म पहेली
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आर्यिका चंदनबाला जी
रिश्ता: मौसी