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Neelima Agarwal

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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

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Posts posted by Neelima Agarwal

  1. ऐरावत हाथी, 2 श्वेत उत्तम बैल, 3 सिंह, 4 माला युगल, 5 लक्ष्मी, 6 चन्द्रमा, 7 सूर्य, 8 कलश युगल 9 मीन युगल, 10 सरोवर, 11 समुद्र 12 सिंहासन 13 देवों का विमान, 14 नागेन्द्र 15 रत्न राशि एवं 16 धूम रहित अग्नि।

  2. 13 hours ago, admin said:

    सुन्दर रूप मनोहर काया, श्वेत वर्ण है जिनने पाया ।

    तीर्थंकर को शीश झुकाओ, फिर उनका है नाम बताओ ॥

    आज रात्रि 10 बजे तक उत्तर दे सकते हैं 

    दिए गए सभी उत्तर दस बजे तक किसी को नहीं दिखेंगे 

    चन्द्रप्रभु भगवान, पुष्पदंत भगवान

  3. 37 minutes ago, admin said:

    सात भूमि में कहीं न साता, दुख ही दुख मिलता है भ्राता ।

    अष्टम्भूमि का नाम बताओ, प्राप्त करो तो सुख पा जाओ ॥

     

    आपके उत्तर 24 घंटे तक किसी को भी नहीं दिखेंगे 

    नरक में सात भूमि होती हैं जहाँ दुख ही दुख है। उनके नाम हैं_धम्मा, वंशा, मेघा, अञ्जना, अरिष्टा, मघवी और माघवी।

    अष्टम भूमु का नाम श्री मंडप है। जिसको प्राप्त करने पर सुख की प्राप्ति है। 

  4. 4 hours ago, admin said:

    बार-बार मरकर भी जनमता, लाख चौरासी योनि भटकता ।

    इनको पृथक् पृथक् गिनवाओ,सिद्ध बनो फिर लौट न आओ ॥

    आपके उत्तर 24 घंटे तक किसी को नहीं दिखेंगे 

    नित्य निगोद

    2. इतर निगोद

    3. पृथ्वीकायिक

    4. जलकायिक

    5. अग्निकायिक

    6. वायुकायिक

    7. वनस्पतिकायिक

    8. दो इन्द्रिय

    9. तीन इन्द्रिय

    10. चार इन्द्रिय

    11. नारकी

    12. तिर्यञ्च

    13. देव

    14. मनुष्य

    7 लाख

    7 लाख

    7 लारव

    7 लाख

    7 लाख

    7 लारव

    10 लाख

    2 लाख

    2 लाख

    2 लाख

    4 लाख

    4 लाख

    4 लाख

    14 लाख

    कुल योग 84लाख

  5. 8 hours ago, admin said:

    णमोकार की महिमा न्यारी, सदा रखो तुम इससे यारी

    शत अठ बार जपे क्यों त्राता, ज्ञात तुम्हें हो कह दो भ्राता ॥

    9 का अङ्क शाश्वत है, उसमें कितनी भी संख्या का गुणा करें और गुणनफल को आपस में जोड़ने से 9 ही रहता है। जैसे 9x3=27 (2+7=9) अतः शाश्वत पद पाने के लिए 9 बार पढ़ा जाता है। कर्मो का आस्रव 108 द्वारों से होता है, उसको रोकने हेतु 108 बार णमोकार मन्त्र जपते हैं। प्रायश्चित में 27 या 108 श्वासोच्छवास के विकल्प में 9 बार या 36 बार णमोकार मन्त्र पढ़ सकते हैं

  6. 8 hours ago, admin said:

    णमोकार की महिमा न्यारी, सदा रखो तुम इससे यारी

    शत अठ बार जपे क्यों त्राता, ज्ञात तुम्हें हो कह दो भ्राता ॥

    9 का अङ्क शाश्वत है, उसमें कितनी भी संख्या का गुणा करें और गुणनफल को आपस में जोड़ने से 9 ही रहता है। जैसे 9x3=27 (2+7=9) अतः शाश्वत पद पाने के लिए 9 बार पढ़ा जाता है। कर्मो का आस्रव 108 द्वारों से होता है, उसको रोकने हेतु 108 बार णमोकार मन्त्र जपते हैं। प्रायश्चित में 27 या 108 श्वासोच्छवास के विकल्प में 9 बार या 36 बार णमोकार मन्त्र पढ़ सकते हैं

  7. 7 hours ago, admin said:

    कर्म धूल को हैं चिपकाती, आतम को मैला है बनाती । 

    नाम कषायों के भेद सहित  बतलाओ, छुटकारा तुम इनसे पाओ ॥

    रात्रि 10 बजे तक उत्तर दे सकते हैं 

    सभी के द्वारा दिए गए उत्तर रात्रि 10 बजे तक छुपे रहेंगे 

     

    कषाय सामान्य से चार प्रकार की होती हैं। क्रोध, मान, माया, लोभ। इनमें अनन्तानुबन्धी क्रोध, मान, माया, लोभ। अप्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ । प्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ एवं संज्वलन क्रोध, मान, माया, लोभ।

    7 hours ago, admin said:

    कर्म धूल को हैं चिपकाती, आतम को मैला है बनाती । 

    नाम कषायों के भेद सहित  बतलाओ, छुटकारा तुम इनसे पाओ ॥

    रात्रि 10 बजे तक उत्तर दे सकते हैं 

    सभी के द्वारा दिए गए उत्तर रात्रि 10 बजे तक छुपे रहेंगे 

     

    कषाय सामान्य से चार प्रकार की होती हैं। क्रोध, मान, माया, लोभ। इनमें अनन्तानुबन्धी क्रोध, मान, माया, लोभ। अप्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ । प्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ एवं संज्वलन क्रोध, मान, माया, लोभ।

  8. 7 hours ago, admin said:

    जीता मरता जीव अकेला, संग में चलता गुरु न चेला ।

    भावना कौन सी है कहलाती, मोह भाव को दूर भगाती ॥

    उत्तर एक बार ही दे  आपके उत्तर किसी को नहीं दिखेंगे 

    निवेदन : सभी को इसमें भाग लेना सिखाएं 

    5 मित्रों को इसकी जानकारी दें 

    एकत्व भावना

     

  9. 7 hours ago, admin said:

    ना लोहे सम भारी काया, आक तूल सम उड़ न पाया।

    कर्म कौन सा जीव सहाई, नाम बताओ मेरे भाई॥

    उत्तर एक बार ही दे  आपके उत्तर किसी को नहीं दिखेंगे 

    निवेदन : सभी को इसमें भाग लेना सिखाएं 

    5 मित्रों को इसकी जानकारी दें 

    गोत्र कर्म के कारण

  10. 8 hours ago, admin said:

    ज्ञान ध्यान का ग्रन्थ कहाता, गुरु की गौरव गाथा गाता।

    ज्ञानार्णव शुभ नाम है पाया, गुरु का नाम बताओ भाया॥

    उत्तर एक बार ही दे  आपके उत्तर किसी को नहीं दिखेंगे 

    शुभचन्द्र आचार्य

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