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Neelima Agarwal

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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

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  1. जुआ खेलना, मांस सेवन, मद्द, वेश्या व्यसन, शिकार, चोरी, पर-नारी रमणये व्यसन के 7 भेद हैं
  2. ऐरावत हाथी, 2 श्वेत उत्तम बैल, 3 सिंह, 4 माला युगल, 5 लक्ष्मी, 6 चन्द्रमा, 7 सूर्य, 8 कलश युगल 9 मीन युगल, 10 सरोवर, 11 समुद्र 12 सिंहासन 13 देवों का विमान, 14 नागेन्द्र 15 रत्न राशि एवं 16 धूम रहित अग्नि।
  3. चन्द्रप्रभु भगवान, पुष्पदंत भगवान
  4. नरक में सात भूमि होती हैं जहाँ दुख ही दुख है। उनके नाम हैं_धम्मा, वंशा, मेघा, अञ्जना, अरिष्टा, मघवी और माघवी। अष्टम भूमु का नाम श्री मंडप है। जिसको प्राप्त करने पर सुख की प्राप्ति है।
  5. . नित्य निगोद 2. इतर निगोद 3. पृथ्वीकायिक 4. जलकायिक 5. अग्निकायिक 6. वायुकायिक 7. वनस्पतिकायिक 8. दो इन्द्रिय 9. तीन इन्द्रिय 10. चार इन्द्रिय 11. नारकी 12. तिर्यञ्च 13. देव 14. मनुष्य 7 लाख 7 लाख 7 लारव 7 लाख 7 लाख 7 लारव 10 लाख 2 लाख 2 लाख 2 लाख 4 लाख 4 लाख 4 लाख 14 लाख कुल योग 84लाख
  6. 9 का अङ्क शाश्वत है, उसमें कितनी भी संख्या का गुणा करें और गुणनफल को आपस में जोड़ने से 9 ही रहता है। जैसे 9x3=27 (2+7=9) अतः शाश्वत पद पाने के लिए 9 बार पढ़ा जाता है। कर्मो का आस्रव 108 द्वारों से होता है, उसको रोकने हेतु 108 बार णमोकार मन्त्र जपते हैं। प्रायश्चित में 27 या 108 श्वासोच्छवास के विकल्प में 9 बार या 36 बार णमोकार मन्त्र पढ़ सकते हैं
  7. 9 का अङ्क शाश्वत है, उसमें कितनी भी संख्या का गुणा करें और गुणनफल को आपस में जोड़ने से 9 ही रहता है। जैसे 9x3=27 (2+7=9) अतः शाश्वत पद पाने के लिए 9 बार पढ़ा जाता है। कर्मो का आस्रव 108 द्वारों से होता है, उसको रोकने हेतु 108 बार णमोकार मन्त्र जपते हैं। प्रायश्चित में 27 या 108 श्वासोच्छवास के विकल्प में 9 बार या 36 बार णमोकार मन्त्र पढ़ सकते हैं
  8. कषाय सामान्य से चार प्रकार की होती हैं। क्रोध, मान, माया, लोभ। इनमें अनन्तानुबन्धी क्रोध, मान, माया, लोभ। अप्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ । प्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ एवं संज्वलन क्रोध, मान, माया, लोभ। कषाय सामान्य से चार प्रकार की होती हैं। क्रोध, मान, माया, लोभ। इनमें अनन्तानुबन्धी क्रोध, मान, माया, लोभ। अप्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ । प्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोभ एवं संज्वलन क्रोध, मान, माया, लोभ।
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