Soumya jain burhar
-
Posts
6 -
Joined
-
Last visited
Content Type
Profiles
Forums
Events
Jinvani
Articles
दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव
शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)
Downloads
Gallery
Blogs
Musicbox
Posts posted by Soumya jain burhar
-
-
५०० सागर
-
-
500 sagar
-
मति ज्ञान के भेद हैं चार :-
१. अवग्रह
२. ईहा
३. अवाय
५. धारणा
-
मनुष्य के जीवन का मूल सुख और शांति है जो अहिंसा पर आधारित है वास्तव में हिंसा के विचार , हिंसा के वचन , हिंसा के प्रयत्न न करना अहिंसा है ।
अहिंसा एवं सत्य एक दूसरे के पूरक हैं । अहिंसा का आयतन अनुकंपा गुण है।
अहिंसा से ही स्व-पर कल्याण संभव है।
यह धर्म है अहिंसा घारो ,ह्रदय से बढ़ के ।
जीता स्वयं को जिसने, जिन शब्द कह रहा है ।।
माने जो ऐसे जिनको, सच जैन वह रहा है ।
सच्चे बनोगे जैनी ,जिनवर के पथ पै चल के ।।
तरुवर के धर्म जैसा ,उपकार सबका करना ।
सब में छिपी अहिंसा ,जिओ जिलाओ मिलके ।।
यदि हो अहिंसा प्रेमी, स्वागत करो दिवस का ।
दिन में ही लो बाराती , दिन में हो भोज सबका ।।
बन जाओ श्रेष्ठ मानव , कुरीतियां कुचल के ।
यह धर्म है अहिंसा धारो हृदय से बढ़ के ।।
अहिंसा परमो धर्म:
- 9
आज की पहेली (प्रश्न ) 9 अप्रैल 23
In जैन धर्म पहेली
Posted
आहार जी, 1985