Jump to content
फॉलो करें Whatsapp चैनल : बैल आईकॉन भी दबाएँ ×
JainSamaj.World

तुम ही हो ज्ञाता


admin

तुम ही हो ज्ञाता

तुम ही हो ज्ञाता, दृष्टा तुम्ही हो,

तुम ही जगोत्तम, शरण तुम्ही हो ॥

 

तुम ही हो त्यागी, तुम ही वैरागी

तुम ही हो धर्मी, सर्वज्ञ स्वामी

हो कर्म जेता, तीरथ प्रणेता

तुम ही जगोत्तम, शरण तुम्ही हो ॥

 

तुमही हो निश्चल, निष्काम भगवन

निर्दोष तुम हो, हे विश्वभूषण

तुम्हें त्रिविध है वन्दन हमारी

तुम ही जगोत्तम, शरण तुम्ही हो ॥

 

तुमही सकल हो, तुमही निकल हो

तुमहीं हजारों हो नामधारी

कोई ना तुमसा हितोपकारी

तुम ही जगोत्तम, शरण तुम्ही हो ॥

 

जो तिर सके ना भव सिंधु मांही

किया क्षणों में है पार तुमने

बैरी है पावन मुक्तिरमा को

तुम ही जगोत्तम, शरण तुम्ही हो ॥

 

जो ज्ञान निर्मल है नाथ तुममें

वही प्रगट हो वीरत्व हममें

मिले परमपद सौभाग्य हमको

तुम ही जगोत्तम, शरण तुम्ही हो ॥



×
×
  • Create New...