सीमंधर स्वामी, मैं चरनन का
सीमंधर स्वामी, मैं चरनन का चेरा ॥टेक॥
इस संसार असार में कोई, और न रक्षक मेरा ॥सीमंधर..
लख चौरासी जोनी में मैं, फ़िरि फ़िरि कीनों फ़ेरा
तुम महिमा जानी नहीं प्रभु, देख्या दु:ख घनेरा ॥ सीमंधर..
भाग उदयतैं पाइया अब, कीजे नाथ निवेरा ।
बेगी दया करी दीजिये मुझे, अविचल थन-बसेरा ॥सीमंधर..
नाम लिये अघ ना रहै ज्यों, ऊगें भान अंधेरा ।
भुधर चिंता क्या रही ऐसी, समरथ साहिब तेरा ॥सीमंधर ..