Jump to content
फॉलो करें Whatsapp चैनल : बैल आईकॉन भी दबाएँ ×
JainSamaj.World

पारस प्यारा लागो


admin

पारस प्यारा लागो

पारस प्यारा लागो, चँवलेश्वर प्यारा लागो ।

थांकी बांकडली झाड्यां में, गैलो भूल्यो जी म्हारा पारसजी,

म्हैं रस्तो कियां पावांला॥ पारस प्यारा … ॥

 

अब डर लागे छै म्हाने, हर बार पुकारां थांने ।

थांका पर्वत रा जंगल में, सिंह धडूके हो चँवलेश्वर जी,

म्हैं रस्तो कियां पावांला॥ पारस प्यारा … ॥

 

थे राग द्वेष न त्यागा, म्है आया भाग्या भाग्या ।

थांका पर्वत री भाटा की, ठोकर लागी हो चँवलेश्वर जी,

म्हैं रस्तो कियां पावांला॥ पारस प्यारा … ॥

 

म्हे अजमेर शहर से चाल्या, थांका ऊंचा देख्या माला ।

म्हाने पेड्या पेड्या चढवो, प्यारो लागे हो चँवलेश्वर जी,

म्हैं रस्तो कियां पावांला॥ पारस प्यारा … ॥

 

थांका विशाल दर्शन पाया, जद तन मन से हरषाया ।

थांकी छतरी की तो शोभा, न्यारी लागे हो चँवलेश्वर जी,

म्हैं रस्तो कियां पावांला॥ पारस प्यारा … ॥

 

थे झूंठ बोलबो छोडो, और धर्म सूं नातो जोडो ।

म्हारी बांकडली झाड्यां में, गैलो पावो जी म्हारा सेवक जी,

थे सीधो रस्तो पावोला॥ पारस प्यारा … ॥

 



×
×
  • Create New...