मुझे है काम भगवन से, जगत रूठे तो रुठन दे ॥
बैठ संगत में संतन की, करू कल्याण मैं आपना
लोग दुनिया के भोगों में, मौज माने तो लूटन दे ।मुझे..।
कुटुंब परिवार सुत दारा, लाज लोकन की छूटन दे
प्रभु का भजन करने में, अगर छूटे तो छूटन दे ।मुझे..।
धरी सिर पाप की मटकी, मेरे गुरुदेव ने झटकी
वो श्री विद्यासागर ने पटकी, अगर फूटे तो फूटन दे ।मुझे..।
स्वयं का ध्यान करने की, लगी दिल में लगन मेरे
प्रीत संसार विषयों से, अगर छूटे तो छूटन दे ।मुझे..।