Jump to content
फॉलो करें Whatsapp चैनल : बैल आईकॉन भी दबाएँ ×
JainSamaj.World

मेरे कब ह्वै वा दिन की सुघरी


admin

मेरे कब ह्वै वा दिन की सुघरी ।।टेक ।।

 

तन विन वसन असनविन वनमेंनिवसों नासादृष्टिधरी ॥

 

पुण्यपाप परसौं कब विरचोंपरचों निजनिधि चिरविसरी

तज उपाधि सजि सहजसमाधीसहों घाम हिम मेघझरी ।१।

 

कब थिरजोग धरों ऐसो मोहिउपल जान मृग खाज हरी

ध्यान-कमान तान अनुभव-शर,छेदों किहि दिन मोह अरी ।२।

 

कब तृनकंचन एक गनों अरुमनिजडितालय शैलदरी

दौलत सत गुरुचरन सेव जोपुरवो आश यहै हमरी ।३।

 



×
×
  • Create New...