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मधुबन के मंदिरों में


admin

मधुबन के मंदिरों में, भगवान बस रहा है,

पारस प्रभु के दर से, सोना बरस रहा है ॥

 

अध्यात्म का ये सोना, पारस ने खुद दिया है,

ऋषियों ने इस धरा से निर्वाण पद लिया है,

सदियों से इस शिखर का, स्वर्णिम सुयश रहा है ॥ पारस...॥

 

तीर्थंकरों के तप से, पर्वत हुआ है पावन,

कैवल्य रश्मियों का, बरसा यहां पे सावन,

उस ज्ञान अमृत जल से, पर्वत सरस रहा है ॥ पारस...॥

 

पर्वत के गर्भ में है, रत्नों का वो खजाना,

जब तक है चाँद सूरज, होगा नहीं पुराना,

जन्मा है जैन कुल में, तू क्यों तरस रहा है ॥ पारस...॥

 

नागों को भी ये पारस, राजेन्द्र सम बनाये,

उपसर्ग के समय जो, धरणेन्द्र बन के आये,

पारस के सिर पे देवी पद्‍मावती यहां है ॥ पारस...॥

 



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