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झीनी झीनी उडे रे गुलाल


admin

झीनी झीनी उडे रे गुलाल

झीनी झीनी उडे रे गुलाल, चालो रे मंदरिया में।

चालो रे मंदरिया में, चालो रे मंदरिया में ॥

 

म्हारा तो गुरुजी आतमज्ञानी,ज्ञान की जिसने ज्योत जगा दी

ज्ञान का भरा रे भंडार, चालो रे मंदरिया में ॥

 

वीर प्रभु जी दया के सागर, महावीर प्रभु जी दया के सागर

शीश झुकाऊं बारम्बार, चालो रे मंदरिया में ॥

 

वीर प्रभु के चरणों में आये, आकर चरणों में शीश नवाये

हो रही जयजयकार, चालो रे मंदरिया में ॥



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