गिरनारी पर तप कल्याणक नेमि बनेंगे मुनिराज रे
आए लौकांतिक ब्रह्मचारी, हुए प्रसन्न देख नर नारी,
धन्य दिवस है आज रे , धन्य दिवस है आज रे ।१।
प्रभुजी बारह भवना भाये , परिणति में वैराग्य बढाये,
हम भी बनेंगे मुनिराज रे , हम भी बनेंगे मुनिराज रे ।२।
शुद्धातम रस को ही चाहे , विषय भोग विष सम ही लागे ,
राग लगे अंगार रे , राग लगे अंगार रे ।३।
प्रभु जी वेश दिगम्बर धारे , चेतन को निर्ग्रन्थ निहारे ,
बरसे आनंद धार रे , बरसे आनंद धार रे ।४।