दिन-आयो दिन-आयो दिन-आयो,
आज जन्मकल्याणक दिन आयो ॥
झूमे आज नर-नारी ऐसे हरषाय,
म्हारो तन मनवा प्रभु के गुण गाये,
रंग-लाग्यो रंग-लाग्यो रंग-लाग्यो,
थारी भक्ति में म्हारो प्रभु रंग-लाग्यो ॥
तन भीगे मन भीगे, भीगे मोरो आतम,
प्रभु ने बतायो आतम परमातम,
रंग-लाग्यो रंग-लाग्यो रंग-लाग्यो,
थारी भक्ति में म्हारो प्रभु रंग-लाग्यो ॥
सोलह सपने माँ ने देखे, उनका फ़ल राजा से पूछा,
रानी तेरे गर्भ से पुत्र जन्म लेगा, तीन लोक का नाथ बनेगा,
हरषायो हरषायो हरषायो,
माता शिवा देवी को मन हरषायो ॥
सौरीपुर में जन्म हुआ है, तीन भुवन आनंद हुआ है,
इंद्र इंद्राणी मिल खुशियां मनावे, मंगलकारी गीत सुनावें,
फ़ल पायो फ़ल पायो फ़ल पायो,
माता शिवादेवी ने शुभ फ़ल पायो ॥