बाजै छै बधाई, राजा नाभि के दरबार जी
नाभि के दरबार राजा नाभि के दरबार जी ॥
मोरा देवी बेटो जायो, जायो रिषभ कुमार जी
अयोध्या में उत्सव कीनो ,घर घर मंगलाचार जी ॥
घन घन घन घन घंटा बाजे, देव करे जयकार जी
नोपत के टंकारो लाग्यो ,झां झां की झनकार जी ॥
हाथी दीना घोडा दीना, दीना गज असवार जी
नगर सरीसा पट्टन दीना, दीना रतन भंडार जी ॥
हीरा दीना पन्ना दीना, लां लां को नहिं पार जी
नाभि राजा दान दीनो, भर भर मोतियन थाल जी ॥
गुणीजन गावै ऐसे, दे दे ताल जी
चिरंजी हो बालक तेरो, जन हितकार जी ॥