आजा अपने धर्म की तू राह में, वो ही करे भव पार रे...
ढेरों जनम तूने भोगों में खोये..तूने भोगों में खोये
फ़िर भी हवस तेरी पूरी न होये..तेरी पूरी न होये
तज दे तू इनकी याद हो sss आजा अपने धरम...
तेरा जग में साथी यही ये एक धरम है
आशा जिसकी तू करता वो एक भरम है
झूठा है जग संसार हो sss आजा अपने धरम...
सुख होता जग में ना तजते फ़िर तीर्थंकर
तज धन मालिक ना रचते भेष दिगम्बर
जग में नहीं कुछ सार हो sss आजा अपने धरम...