विरा विरा बोल तेरा क्या बिगडे
विरा विरा बोल तेरा क्या बिगडे,
क्या बिगडे,तेरा क्या बिगडे,
मिठो मिठो बोल थारो काई
बिगडे,काई बिगडे,थारो काई बिगडे
या जिवनमा दम नही कब निकले
प्राण मालुम नही, विरा ....
1. सोच समझले स्वास्थ का संसार,
लाख जतनकर छुटे ना घरबार,
तु जानले पहचान ले, संसार किसीका घर नही,
कब निकले ……
2. प्रभुवर की महिमा है अपरम्पार,
डोलती नैया की है ये पतकार,
तु जानले पहचान ले, संसार किसीका घर नही,
कब निकले ……
3. भक्ती की जो ज्योत जलायेगा,
कर्मो से वो मुक्ती पायेगा,
तु जानले पहचान ले, संसार किसीका घर नही,
कब निकले ……
4. गुरुवर ये कहते है बारंबार,
तप संयम ही जिवन का आधार
तु जानले पहचान ले, संसार किसीका घर नही,
कब निकले ……
- 1