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Shubham raool jain

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About Shubham raool jain

  • Birthday 09/09/1995

Personal Information

  • स्थान / शहर / जिला / गाँव
    जैन काशी कारंजा लाड महाराष्ट्र

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  1. विरा विरा बोल तेरा क्या बिगडे विरा विरा बोल तेरा क्या बिगडे, क्या बिगडे,तेरा क्या बिगडे, मिठो मिठो बोल थारो काई बिगडे,काई बिगडे,थारो काई बिगडे या जिवनमा दम नही कब निकले प्राण मालुम नही, विरा .... 1. सोच समझले स्वास्थ का संसार, लाख जतनकर छुटे ना घरबार, तु जानले पहचान ले, संसार किसीका घर नही, कब निकले …… 2. प्रभुवर की महिमा है अपरम्पार, डोलती नैया की है ये पतकार, तु जानले पहचान ले, संसार किसीका घर नही, कब निकले …… 3. भक्ती की जो ज्योत जलायेगा, कर्मो से वो मुक्ती पायेगा, तु जानले पहचान ले, संसार किसीका घर नही, कब निकले …… 4. गुरुवर ये कहते है बारंबार, तप संयम ही जिवन का आधार तु जानले पहचान ले, संसार किसीका घर नही, कब निकले ……
  2. प. पू वात्सल्य रत्नाकर आचार्य श्री 108 विमल सागर जी भजन विदा... विदा... वात्सल्य रत्नाकर अंतिम विदा | विदा... विदा... हे सन्मार्ग दिवाकर अंतिम विदा || कहा मिलेंगे हमे विमल पद कमल सर्व दुःख हारा | --2 उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा || --2 नही विमल सागर के शोक सागर का कोई किनारा | --2 उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||धृ|| --2 जन्म जयंती वर्ष से हम जिनकी मनाते आये | --2 जिन आचार्य विमल सागर की महिमा गाते आये || --2 स्नेह कृपा वात्सल्य सदा जो हम पे लुटाते आये | आज उन्ही की शोक सभा मे अश्रू बहाते आये || --2 उनके लिये मौन रख्खा.... बोला जिनका जयकारा | --2 उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||1|| --2 जिके धरा पर वर्ष उन्हासी | मुनिवर हो गये शिवपुर वासी || खो कर ऐसा दृढ संन्यासी | छाई समाज मे घोर उदासी || पूर्व दिशा मे विलय हो गया.... उत्तर का ध्रुवतारा | --2 उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||2|| --2 विदा... विदा... हे युग प्रमुख सुधाकर अंतिम विदा | विदा... विदा... मंगलमय धर्मेश्वर अंतिम विदा || हाथो मे रहती थी माला अधरो पर जीनवणी | --2 स्याद-वाद सिद्धांतो से थी हर युक्ती प्रमाणी || --2 पाप ताप संताप मेटनी पिंछीथी कल्याणी | उन से श्रीफल पाकर हो गये श्रीयुत कितने प्राणी || --2 सत्य हो गया वाक्य वही.... जो श्रीमुख से उच्चारा | --2 उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||3|| --2 विमल देव की विमल शांत छवि नैनो बीच रहेगी | --2 विमल देह से बंधी आतमा विमल वियोग सहेगी || --2 विमल सिंधु सा अस्त न दुजा दुनिया यही कहेगी | विमल हृदय मे विमल भक्ती की धारा विमल बहेगी || --2 विमल कृपा से कार्य विमल का.... पूर्ण करेंगे सारा | --2 उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||4|| --2 विदा... विदा... मुक्तीदुत मुक्तेश्वर अंतिम विदा | विदा... विदा... सर्वव्याप्त सर्वेश्वर अंतिम विद || मौत की चाल तो चलती रहेगी | जीवो को युही छलती रहेगी || दिपक चाहे बदल भी जाये | ज्योत से ज्योत तो जलती रहेगी || बाद विमल सागर के.... विशेष सागर का हमे सहारा | --2 उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||5|| --2 मधुबन मे संकट मोचन की भव्य समाधी बनी है | --2 सिद्धात्मा की जन्म जयंती सिद्धो बिच मनेगी || --2 ये मत सोचो मुनिवर हमको अब तो नही मिलेंगे | जब सम्मेद शिखर जाओगे गुरूवर वही मीलेंगे || --2 तूट नही सकता आध्यात्मिक.... ये संबंध हमारा | --2 उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||6|| --2 विदा विदा हे सम्मेद शिखरवर अंतिम विदा | विदा विदा जिनवर रुपी मुनिवर अंतिम विदा || अंतिम विदा... अंतिम विदा... अंतिम विदा... || समाप्त ||
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