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प. पू वात्सल्य रत्नाकर आचार्य श्री 108 विमल सागर जी


Shubham raool jain

प. पू वात्सल्य रत्नाकर आचार्य श्री 108 विमल सागर जी
                                 भजन           

विदा... विदा... वात्सल्य रत्नाकर अंतिम विदा |
विदा... विदा... हे सन्मार्ग दिवाकर अंतिम विदा ||

कहा मिलेंगे हमे विमल पद कमल सर्व दुःख हारा | --2
उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा || --2
नही विमल सागर के शोक सागर का कोई किनारा | --2
उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||धृ|| --2

जन्म जयंती वर्ष से हम जिनकी मनाते आये | --2
जिन आचार्य विमल सागर की महिमा गाते आये || --2
स्नेह कृपा वात्सल्य सदा जो हम पे लुटाते आये |
आज उन्ही की शोक सभा मे अश्रू बहाते आये || --2
उनके लिये मौन रख्खा.... बोला जिनका जयकारा | --2
उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||1|| --2

जिके धरा पर वर्ष उन्हासी |
मुनिवर हो गये शिवपुर वासी ||
खो कर ऐसा दृढ संन्यासी |
छाई समाज मे घोर उदासी ||
पूर्व दिशा मे विलय हो गया.... उत्तर का ध्रुवतारा | --2
उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||2|| --2

विदा... विदा... हे युग प्रमुख सुधाकर अंतिम विदा |
विदा... विदा... मंगलमय धर्मेश्वर अंतिम विदा ||

हाथो मे रहती थी माला अधरो पर जीनवणी |  --2
स्याद-वाद सिद्धांतो से थी हर युक्ती प्रमाणी || --2
पाप ताप संताप मेटनी पिंछीथी कल्याणी |
उन से श्रीफल पाकर हो गये श्रीयुत कितने प्राणी || --2
सत्य हो गया वाक्य वही.... जो श्रीमुख से उच्चारा | --2
उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||3|| --2

विमल देव की विमल शांत छवि नैनो बीच रहेगी | --2
विमल देह से बंधी आतमा विमल वियोग सहेगी || --2
विमल सिंधु सा अस्त न दुजा दुनिया यही कहेगी |
विमल हृदय मे विमल भक्ती की धारा विमल बहेगी || --2
विमल कृपा से कार्य विमल का.... पूर्ण करेंगे सारा | --2
उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||4|| --2

विदा... विदा... मुक्तीदुत मुक्तेश्वर अंतिम विदा |
विदा... विदा... सर्वव्याप्त सर्वेश्वर अंतिम विद ||

मौत की चाल तो चलती रहेगी |
जीवो को युही छलती रहेगी ||
दिपक चाहे बदल भी जाये |
ज्योत से ज्योत तो जलती रहेगी ||
बाद विमल सागर के.... विशेष सागर का हमे सहारा | --2
उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||5|| --2

मधुबन मे संकट मोचन की भव्य समाधी बनी है | --2
सिद्धात्मा की जन्म जयंती सिद्धो बिच मनेगी || --2
ये मत सोचो मुनिवर हमको अब तो नही मिलेंगे |
जब सम्मेद शिखर जाओगे गुरूवर वही मीलेंगे || --2
तूट नही सकता आध्यात्मिक.... ये संबंध हमारा | --2
उन्हे मृत्यू ने.... हमे मृत्यू के समाचार ने मारा ||6|| --2

विदा विदा हे सम्मेद शिखरवर अंतिम विदा |
विदा विदा जिनवर रुपी मुनिवर अंतिम विदा ||
अंतिम विदा... अंतिम विदा... अंतिम विदा... || समाप्त ||



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