Kapil Jain446 Posted July 20, 2019 Share Posted July 20, 2019 आश्रव संवर और बांध को उदहारण देकर समझाए Link to comment Share on other sites More sharing options...
Bimla jain Posted July 20, 2019 Share Posted July 20, 2019 (edited) Supposeआप नाव में सफ़र कर रहें एवं नाव में छेद हो जाए एवं छेद से पानी नाव में प्रवेश करने लगे।इस क्रिया को आस्रव कहते हें। अब पानी नाव में भर जाए।इस क्रिया को बंध कहते हैं। अब यदि नाव के छेद को किसी तरह बंद कर दिया जाए तो पानी का प्रवेश रुक जाएगा।इस क्रिया को सँवर कहते हें। नाव में भरे हुए पानी को किसी तरह बाहर निकाल कर नाव को पानी से ख़ाली कर देना निर्जरा कहलाता है। उपरोक्त कथन में नाव कीजगह आत्मा और पानी की जगह कर्म को substitute करें तो आप को स्पष्ट समझ में आ जाएगा। आत्मा में कर्मों के आने को आस्रव,आकर आत्मा से चिपक कर रुक जाने को बंध तथा कर्मों के आने की प्रक्रिया का रोक देना सँवर कहलाता है।आत्मा में चिपके हुए कर्मों को आत्मा से अलग करदेना निर्जरा कहलाता है। Edited July 20, 2019 by Pramod jain1954 Link to comment Share on other sites More sharing options...
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