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Pankaj jain124

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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

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Posts posted by Pankaj jain124

  1. मै पंकज पाटनी, बारां राजस्थान से,

    मै दीवाली पर पटाखे नहीं जलाने का संकल्प लेता हू और आपके कार्य की अनुमोदना करता हूं।

     

    मै पटाखे नहीं जलाने का संकल्प लेता हूं

    IMG-20201104-WA0000.jpg

  2. 1. मद्य त्याग, 2. मांस त्याग, 3. मधु त्याग, 4. रात्रि भोजन त्याग, 5. पाँच उदुम्बर फलों का त्याग, 6. जीव दया का पालन करना, 7. जल छानकर पीना और 8. पंच परमेष्ठी को नमस्कार करना। ये आठ मूलगुण हैं

  3. अज्ञान रुपी अंधकार छाया था जगत में l
    तब ज्ञान रुपी प्रकाश फैलाया था वीर प्रभु ने ll
    चैत्र सुदी तेरस के दिन जन्म लिया जिनवर l
    वर्धमान बने जैन धर्म के चौविसवें तीर्थंकर ll
    जन्म लेते ही सभी तरफ चंदन से शीतलता है छाई l
    राजा सिद्धार्थ, माता त्रिशला को दे रहे थे सब बधाई ll
    महावीर की आंखों में बहती थी अमृत धारा l
    उनके वचनों में प्रकटता था वात्सल्य सारा ll
    भगवान है धीरता, वीरता, गंभीरता के स्वामी l
    संयमरुपी पथ पर चल कर बने मोक्ष गामी ll
     नयसार के भव में प्राप्त किया समकित l
    तभी से भगवान के भव की शुरू हुई अंकित ll
    कितने सारे उपत्सर्गों का पहाड़ टूटा था प्रभू पर l
    जिसे सुनकर हमारा कलेजा कांप उठता है थर-थर ll
     किसी ने कान में किला डाला, किसी ने कालचक्र फेंक दिया l
    किसी ने तेजोलेश्या फेकी, तो किसी ने पैर पर डस लिया ll
    परमपिता महावीर उन उपत्सर्गो से नहीं डगमगाए l
    क्रोधित चंडकौशिक पर भी अमृत से फूल बरसाए ll
    साढ़े बारह वर्षों तक प्रभु ने की उग्र तपस्या l
     इस बीच नहीं ली एक घंटे भर की निद्रा ll
        हर पथ पर नुकूले विषैले कांटे थे पड़े l
    चट्टान के भांति वे अपनी राह पर चल पड़े ll
    अहिंसा के मार्ग पर भगवान ने हमें चलना हैं सिखाया l
     "जिओ और जीने दो" का मर्म सरलता से समझाया ll
     महावीर के उपासक तो तभी हम सब कहलाएंगे l
    जब उनके सिद्धांत और आदर्श को जीवन में अपनायेंगे।l

    अहिंसा परमो धर्म की जय। 

    जियो और जीने दो। 

    जय महावीर- जय महावीर

           जय जिनेन्द्र🙏🏻🙏🏻

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