1. अहिंसा आत्मा की पूर्ण विशुद्ध दशा आ हिंसा के दो भेद होते है दव्य हिंसा और भाव हिंसा
हिंसा के भी 4 भेद होतें है सकल्पी, आरम्भी, उधोगी, विरोधी |
मात्र किसी जीव को मारना ही हिंसा नहीं होती है बल्कि आजकल हमारे बच्चे जो मोबाइल📱 में गेम खेलते हैं उसमें भी हिंसा का दोष लगता है हमने जीव को मारने के भाव तो मन में किए तथा घरों में भी, व्यापार में, अनजाने में बहुत पाप करते हैं हमें किसी जीव को मारने का कोई हक़ नहीं है *हम महावीर भगवान के वंशज है जियो और जीने दो* अहिंसा परमो धर्मः 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
अहिंसा संगोष्ठी : अहिँसा विषय पर आपकी पंक्तियां
In Non-violence, Ahinsa
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1. अहिंसा आत्मा की पूर्ण विशुद्ध दशा आ हिंसा के दो भेद होते है दव्य हिंसा और भाव हिंसा
हिंसा के भी 4 भेद होतें है सकल्पी, आरम्भी, उधोगी, विरोधी |
मात्र किसी जीव को मारना ही हिंसा नहीं होती है बल्कि आजकल हमारे बच्चे जो मोबाइल📱 में गेम खेलते हैं उसमें भी हिंसा का दोष लगता है हमने जीव को मारने के भाव तो मन में किए तथा घरों में भी, व्यापार में, अनजाने में बहुत पाप करते हैं हमें किसी जीव को मारने का कोई हक़ नहीं है *हम महावीर भगवान के वंशज है जियो और जीने दो* अहिंसा परमो धर्मः 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सपना जैन
दिल्ली
8076215360