अहिंसा संगोष्ठी : अहिँसा विषय पर आपकी पंक्तियां In Non-violence, Ahinsa Posted October 2, 2021 अहिंसा जननी है- जीवन विकास की, अंतर विलास की, विश्व शांति की, आध्यात्मिक क्रांति की, सत्य अमृत की, अस्तेय व्रत की, ब्रह्मचर्य बल की, अपरिग्रह सुफल की, मैत्री भाव की, करुणा स्वभाव की। अहिंसा व सत्य जैन धर्म की धड़कन है। यदि अपनाना चाहते हो तो "अहिंसा परमो धर्म:" अपनाओ। अर्थात अहिंसक ही क्षमा धारण कर सकता है 7
अहिंसा संगोष्ठी : अहिँसा विषय पर आपकी पंक्तियां
In Non-violence, Ahinsa
Posted
अहिंसा जननी है-
जीवन विकास की,
अंतर विलास की,
विश्व शांति की,
आध्यात्मिक क्रांति की,
सत्य अमृत की,
अस्तेय व्रत की,
ब्रह्मचर्य बल की,
अपरिग्रह सुफल की,
मैत्री भाव की,
करुणा स्वभाव की।
अहिंसा व सत्य जैन धर्म की धड़कन है।
यदि अपनाना चाहते हो तो "अहिंसा परमो धर्म:" अपनाओ।
अर्थात अहिंसक ही क्षमा धारण कर सकता है