अहिंसा को अपनाकरही,जीवन होता है सफल।
हिंसा से होता नुक़सान, नहीं निकलता कोई हल।।
नाहीं दुखाओ दिल किसी का,नाहीं चोट पहुँचाओ।
तोड़ फोड़ , मार धाड़ त्यागकर, अहिंसा के मार्ग को अपनाओ।।
”अहिंसा परमों धर्म” है, ये भगवान महावीर ने है बतलाया।
जीओ और जीने दो का पाठ, सारे जग को है सिखलाया।।
अहिंसा परमो धर्म: