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ABHA AJMERA

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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

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  1. जुआ खेलना, मांस, मद्द, वेश्या व्यसन, शिकार, चोरी, पर-नारी रमण
  2. 1️⃣ किसी बात की अधिकता को कहते है------ अति कषाय होती है------ चार व्रत में दोष लगना कहलाता है----अतिचार 🅰️ 2️⃣ शरीर का पर्यावाची--- काय त्याग करना को कहते है---- उत्सर्ग पूजन,पाठ के अंत मे करते है---कायोत्सर्ग 🅰️ 3️⃣ मल रहित अर्थात----विमल आवागमन के साधन को कहते है----वाहन एक कुलकर का नाम----- विमलवाहन 🅰️ 4️⃣ हार का विलोम--- जीत मित्र का विलोम----- शत्रु एक रूद्र का नाम----- जितशत्रु 🅰️ 5️⃣ बैल का पर्यायवाची---- नंदी सखा का पर्यायवाची----- मित्र एक बलदेव का नाम------ नंदीमित्र 🅰️ 6️⃣ नारी का विलोम----नर मुँह का तत्सम रूप-----मुख एक नारद का नाम------ नरमुख 🅰️ 7️⃣ एक द्वीप का नाम--- जम्बू प्रभु का पर्यायवाची---- स्वामी एक कामदेव का नाम---- जम्बूस्वामी 🅰️ 8️⃣ नर का पर्यायवाची---- पुरुष श्रेष्ठ का अर्थ है----- उत्तम एक नारायण का नाम-----पुरुषोत्तम 🅰️ 9️⃣ उपवन में खिलते है---- पुष्प दाँत का तत्सम रूप---- दंत एक आचार्य का नाम----- पुष्पदंत 🅰️ 1️⃣0️⃣ कठोर,सख्त अर्थात---- वज्र सजा को कहते है---- दंड एक तीर्थंकर का चिन्ह--- वज्रदंड 🅰️ 1️⃣1️⃣ ऊर्जा का एक स्त्रोत्र--- भानु राज दरबार मे शीर्ष सिहासन पर विराजित होता है----- राजा एक तीर्थंकर के पिता----- भानु राजा 🅰️ 1️⃣2️⃣ मूर्ति या प्रतिमा को कहते है---- चैत्य भवन का पर्यायवाची---- आलय मन्दिरजी जिसका शिखर नही होता है वह कहलाता है------ चैत्यालय 🅰️
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