पृथिवी ,जल ,अग्नि , वायुकाय , नित्य-इतर निगोद में प्रत्येक की ७-७ लाख योनि , प्रत्येक वनस्पति की १० लाख , दो इन्द्रिय से चतुरिन्द्रिय तक प्रत्येक की २-२ लाख , पंचेंद्रिय तिर्यंच - देव -नारकी की ४-४ लाख , मनुष्य की १४ लाख कुल मिलाकर ८४ लाख योनियाँ होती हैं ।