जय हो 1008 वर्तमान शासन नायक श्री 1008 देवाधिदेव वर्धमान महावीर भगवान ( शत शत नमन) प्रभु ।
प्रभु का गुणगान करने के लिए मेरे पास तो शब्द भी कम है , यह तुच्छ भक्त अपने वीर प्रभु का गुणों का वर्णन किस शब्दों में कहें, संसार के सारे शब्द अमूल्य नजर आते हैं, प्रभु की दिव्य धुनि , सारे लोक को आंदतित कर दे , ऐसे थे मेरे प्रभु, परस्परो जीवानां , जीयो और जीनो दो , अहिंसा परमो धर्मः , शुद्ध आहार, मर्यादा, अपरिग्रह,सत्य, ब्रह्मचर्य और प्राणी मात्र के लिए लोक कल्याण एवं दया धर्म का उपदेश दिया।
ऐसे वीर प्रभु का जन्म कल्याणक महोत्सव पास ही है आप सभी भी इससे खूब आनंदित होकर मनाए, क्या हुआ कि इस बार हम मंदिर नहीं जा सकते तो , हम अपने घर को मंदिर बनाकर प्रभु का स्मरण करेंगे।