महावीर स्वामी (तीर्थंकर वर्द्धमान) के उपदेश में प्राणी मात्र के उदय की बात कही है। बिना भेदभाव सबके कल्याण की भावना है। आज हमें राग द्वेष से बचकर समभाव धारण करने की आवश्यकता है। इन्हीं बातों का अर्थ है "वर्तमान को वर्धमान की आवश्यकता है"।
सुशीला गंगवाल
जोधपुर (राजस्थान)