फागी नगरी में अवश्य पधारे । ये फागी नगरी 7 भव्य जिनालयों से सुशोभित जिनमे क्रमशः पार्श्वनाथ जैन चैत्यालय, चंदप्रभः जी की काली नसियां, मुुुनिसुव्रत भगवान का बिचला मंंदिर, पार्श्वनाथ जी का कांच वाला मंदिर , आदिनाथ जी का बड़ा मंदिर, आदिनाथ जी महावीर जी और शांतिनाथ जी का त्रिमूर्ती मंदिर , एवं चंदप्रभः जी का चंद्रपूरी है। यहाँ एक भव्य संत भवन का भी निर्माण हो रहा है । फागी नगरी के गुणसागर कॉलोनी में परम पूज्य आर्यिका 105 श्री पार्श्व वति माताजी का समाधिस्थल भी है । एवं कांच वाले मंदिर में आचार्य श्री 108 चारित्र दिवाकर श्री चंद्रसागर जी महाराज की शिष्या माताजी का समाधिस्थल भी है। और फागी नगरी से चकवाड़ा की और जाने में लगभग 4 किलोमीटर में ही एक और भव्य गुणस्थली तीर्थ आता है जहाँ शांतिनाथ भगवान का भव्य जिनालय है और परम पूज्य तपोनिधि वनिसिद्ध 108 मुनि श्री गुणसागर जी का समाधिस्थल भी है । श्री गुणसागर जी महाराज की असीम अनुकंपा से ही फागी में 5 मंदिर का पंचकल्याण हुआ था उनमे से 4 का जीर्णोद्धार एवं एक मंदिर नया जो की त्रिमूर्ती मंदिर है । श्री गुणसागर जी महाराज वाणीसिद्ध थे ।
इस भव्य नगरी में अवश्य पधारे ।
विनीत:- सकल दिगंबर जैन समाज फागी , जिला -जयपुर तहसील फागी 303005