भगवान महावीर को विनयांजली. 🙏
आज से करीबन 27सों साल पहले भगवान महावीर ने बताये हुए तत्वों को संपूर्ण विश्व को अंगिकार करनेकी, आज वर्तमान में पहले से ज्यादा आवश्यकता क्यो पड रही है? क्योंकी हम इन्सांन है। समय के बदलाव के साथ इस स्वयंकेंद्रित भौतिक जगत मे रहते हुए जाने अंजाने में हमं अपनी मानवता को खो रहे है। आज व्यक्तीस्वातंत्र्य के नाम पर हर क्षेत्र में स्वैराचार बढ रहा है। हमारी भौतिक सुख की लालसा के कारण इंसान संपूर्ण पर्यावरण और प्राणी मात्रांओंको हानी पहु़चा रहा है। सत्ताके लालच के कारण हर बलशाली व्यक्ती, समाज, राष्ट्र एक दुसरे के सामने बंदूक ताने खडा है। सभी तरफ अशांती ही अशांती फैली हुई है।
ऐसे निराशाजनक परिस्थिती से बाहर निकालने का सामर्थ्य सिर्फ भगवान महावीर ने बताये हुये "जिओ और जीने दो" इस मानवतावादी विचारोमें ही है। इतिहास भी गवाह है कि भगवान महावीर का सत्ताइसो साल पहले दिया हुआ अहिंसा का संदेश, सातसों साल पहले जगद्गुरू ज्ञानेश्वर ने भी बताया और परकियोंके आक्रमण से देश को स्वातंत्र्य दिलाने के लिए महात्मा जी ने भी अहिंसाका ही बिगूल बजाया। और आज भी रोजाना साधुसंत, महापुरुष, दुनिया को इसी मार्ग पर लाने का प्रयास कर रहे है। हमें भी महापुरुषोंके आदर्श का पालन जयंती, स्पर्धा या विशेष कार्यक्रमों तक ही सिमीत न रखते हुए, तन मनसे रोजाना स्वयम् इस राह पर चलने का और औरोंको भी लाने का अविरत प्रयत्न करना होगा।यहीं भगवान महावीर को सच्ची मानवंदना होगी।
ओम् शांती. 🙏😊