*वीरा की हायकू* ( अहिंसा दिवस विशेष) 🙏🏻 *अहिंसा*🙏🏻 पंप पाप से
हिंसा प्रथम पाप
त्यागते व्रती ।।
त्यागते इसे
द्रव्य औ भाव रुप
अहिंसाप्रेमी ।।
कम से कम
संकल्प हिंसा त्याग
करे आगारी।।
दया करता
जीवदया भाव है
प्राणियों पर ।।
कृषि वाणिज्य
करता है श्रावक
उद्योगी हिंसा ।।
प्रात: करती
जगत की महिला
आरंभ हिंसा।।
दिल दुखाना
इससे ना बचा वो
भाव हिंसा है ।।
धर्म हमारा
परम अहिंसा का
शान से बोलो।।
अहिंसा परमो धर्म की जय हो।
वीरश्री शीतल पाटील, नेरुल नविमुम्बई