Jump to content
फॉलो करें Whatsapp चैनल : बैल आईकॉन भी दबाएँ ×
JainSamaj.World

Pushpajain Jain

Members
  • Posts

    11
  • Joined

  • Last visited

Recent Profile Visitors

155 profile views

Pushpajain Jain's Achievements

Rookie

Rookie (2/14)

  • Collaborator Rare
  • One Year In Rare
  • Reacting Well Rare
  • Conversation Starter Rare
  • One Month Later

Recent Badges

10

Reputation

  1. 1985मे आहार जी अतिशय क्षेत्र में चटई का त्याग किया आचार्य श्री ने
  2. नमोकार मंत्र प्राकृत भाषा में लिखा है ,आर्य छंद है यह अनादि निधन।मंत्र है किसी ने भी नहीं रचा
  3. सिंधुदेश के वैशाली नगर में मां त्रिशला रानी का जन्म हुआ
  4. सभी को जयजिनेंद्रपिछले दो वर्ष से हम कोरोना की वजह से हम महावीर जयंती सामुहिक रुप से नहीं मना पाये,सभी ने अपने ही घर पर छोटे पर अच्छेरुप में मनाई थी 

    इस वर्ष हम सब सामुहिक रुप से जन्मजयंती कम से कम पांच दिन भगवान का झुला नृत्य नाटिका,प्रश्न मंच इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम कर सकते हैं ताकी हमारी आनेवाली पिंडी को महावीर जयंती का महत्व समझ आये 

    सभी को महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

     

  5. श्री 1008आदिनाथ भगवान के जन्म और तप कल्याणक की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं बधाई,
  6. सभीको भगवान महावीर के मोक्ष कल्याणक की शुभकामनाएं,नववर्ष सभी के लिए मंगलमय हो हमारे सिंधु संतो के रत्नत्रय अच्छी से हो ,किसी भी साधु संत पर कोई उपसर्ग न हो यही भगवान से प्रार्थना है उन्हीं से हमारा समाज है धर्म है उनकी रक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है इसी भावना के साथ सभी को मंगलमय जीवन की शुभकामनाएं
  7. सभी जैन बंधुओ को दिपावली और महावीर निर्वाण महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं
  8. 4भेद अवग्रह ,ईहाआवाय,धारणा ये मतिज्ञान के चार भेद है
  9. जो संसार के दुखो से प्राणियो को निकालकर उत्तम सुख मे पहुंचाता है वह अहिंसामय धर्म है, भगवान महावीर के द्वारा कह गयेपांच महाव्रत में प्राणी हिंसा से विरत होना अहिंसा महाव्रत है और इसे सबसे पहले रखा है अहिंसा का आशय किसी को न मारना वध करना नहीं है अपितु करुणा भाव दयाभाव और कषायपुर्वक मन वचन काय की प्रवृति न करना है निश्चय से रागादि भावो का उदभव न होना यही अहिंसा है और उनकी उत्पति होना हिंसा है यही जैन धर्म का सिद्धांत है जयजिनेंद्र
×
×
  • Create New...