काम हो रहा मिलजुल कर, वहांं हिंसा का क्या काम
इसीलिए तो श्रेष्ठ कहलाता,यह सत्य"अहिंसा"नाम|
'मारपीट'कर कोशिश करते,नहीं बनता उनका काम
अब तो छोड़ो हिंसा को,शायद बन जाये वह'काम'|
दर्द को समझो,माफ करो तुम सब जीवित प्राणी को
एक बार तुम ध्यान से सुन लो तीर्थंकर की वाणी को|
कलयुग है हिंसा से पीड़ित,'हिंसक'बन गया इंसान
कर्म करो तुम अपने अच्छे,स्वयं पुकारेंगें"भगवान"||
[मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है, सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन है]
"अहिंसा परमो धर्मः"