शुद्धात्मा का श्रद्धान होगा
तर्ज: झिलमिल सितारों का...
शुद्धात्मा का श्रद्धान होगा,निज आत्मा तब भगवान होगा।
निज में निज, पर में पर भासक,सम्यकज्ञान होगा||
नव तत्वों में छुपी हुई जो, ज्योति उसे प्रगटाऐंगे ।
पर्यायों से पार त्रिकाली, ध्रुव को लक्ष्य बनाऐंगे ।
शुद्ध चिदानंद रसपान होगा,
निज आत्मा तब भगवान होगा ।१। निज में निज....
निज चैतन्य महा हिमगिरि से, परिणति घन टकराऐंगे ।
शुद्ध अतीन्द्रिय आनंद रसमय, अमृत जल बरसायेंगे ।
मोह महामल प्रक्षाल होगा,
निज आत्मा तब भगवान होगा ।२। निज में निज..
आत्मा के उपवन में, रत्नत्रय पुष्प खिलायेंगे ।
स्वानुभूति की सौरभ से, निज नंदन वन महकायेंगे ।
संयम से सुरभित उद्यान होगा,
निज आत्मा तब भगवान होगा ।३। निज में निज ….