पारस प्रभु का दर्शन होगा
पारस प्रभु का दर्शन होगा, चरणों में उनके तन मन होगा।
ऐसा सुन्दर, उज्जवल, अपना जीवन होगा॥टेक॥
पारस प्रभु को भजूं, सांझ और सवेरे ।
मोह तृष्णा को तजूं, तब ही कुछ काज बने रे।
दश विधि धर्म का पालन होगा,
चरणों में उनके तन मन होगा। ऐसा सुन्दर....
फ़िर तो दुनिया के सब ही, झमेले छूट जायेंगे।
कर्मों के बन्धन भी, अवश्य छूट जायेगे।
केवल ज्ञान का दर्शन होगा,
चरणों में उनके तन मन होगा। ऐसा सुन्दर....
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