करुणा सागर भगवान
तर्ज: होठों से छू लो...
करुणा सागर भगवान, भव पार लगा देना ।
तूफ़ां है बहुत भारी, मेरी नाव बचा देना ॥
मोही बनकर मैंने अब तक जीवन खोया ।
अपने ही हाथों से काटों का बीज बोया ॥
अब शरण तेरी आया, दुख जाल हटा देना ।१। करुणा सागर..
मैंने चहुंगतियों में बहु कष्ट उठाया है ।
लख चौरासी फ़िरते सुख चैन न पाया है ॥
दुखिया हूं भटक रहा प्रभु लाज बचा देना ।२। करुणा सागर..
भगवन तेरी भक्ति से संकट टल जाते हैं ।
अज्ञान तिमिर मिटता सुख अमृत पाते हैं।
चरणों में खडा प्रभुजी मुझे राह बता देना ।३। करुणा सागर..