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आया, आया, आया तेरे दरबार में


admin

आयाआयाआया तेरे दरबार में

तर्ज आजा मेरी बरबाद मुहोब्बत – अनमोल गाडी

आयाआयाआया तेरे दरबार में त्रिशला के दुलारे

अब तो लगा मझदार से यह नाव किनारे ॥

 

अथा संसार सागर में फ़ंसी है नाव यह मेरी

फ़ंसी है नाव यह मेरी

ताकत नहीं है और जो पतवार संभारे ॥ अब तो...

 

सदा तूफ़ान कर्मों का नचाता नाच है भारी

नचाता नाच है भारी

सहे दुख लाख चौरासी नहीं वो जाते उचारे ॥ अब तो...

 

पतित पावन तरण तारणतुम्हीं हो दीन दुख भन्जन

तुम्हीं हो दीन दुख भन्जन

बिगडी हजारों की बनी है तेरे सहारे ॥ अब तो...

 

तेरे दरबार में आकर न खाली एक भी लौटा

न खाली एक भी लौटा

मनोरथ पूर दें ’सौभाग्य’ देता ढोक तुम्हारे ॥ अब तो...



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