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आज की पहेली 5 - 10- 21


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अवग्रहेहावायधारणा:।’ अवग्रह, ईहा, अवाय, और धारणा ये मतिज्ञान के चार भेद हैं ।अवग्रहेहावायधारणा:।’ अवग्रह, ईहा, अवाय, और धारणा ये मतिज्ञान के चार भेद हैं ।

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 1- अवग्रह—रूप देखने के पश्चात् अर्थ का ग्रहण करना ।       2- ईहा— अवग्रह द्वारा जाने गये पदार्थों को विशेष रूप से जानना ।                                                                   3- अवाय— विशेष चिन्ह देखकर वस्तु का निर्णय हो जाना ।   4- धारणा— अवाय से निश्चय किये पदार्थ को कालान्तर में नहीं भूलना ।

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मतिज्ञान के भेद हैं चार(अवग्रह ईहा अवाय धारणा), कष्टो का हो संहार 

ज्ञान की ज्योति तुम जलाओ, पुण्यात्मा फिर बन जाओ 

(इस पंक्ति में मतिज्ञान के भेद सहित ज्ञान की प्राप्ति का संदेश दिया गया है) 

- श्रीमति आराधना चौधरी द्वारा

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मति ज्ञान के चार भेद हैं अवगृह ईहा अवाय धारणा इनके प़भेद करने पर मतिज्ञान के तीन सौ छत्तीस भेद भी बन जाते हैं

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मती ज्ञान ३३६ प्रकार के हैं|

अवग्रह ईसा,आवाम,धारणा,

५इंद्रीय,१मन से,

१२ प्रकार के वस्तुओं को जानता है,और मन और चक्षु को छोड़कर ४इंद्रीयोंसे व्यंजनावग्रह ज्ञान होता है,

१२×६×४=२८८+४८=३३६

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