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आज 10 सितम्बर 2020 की पहेली


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बार-बार मरकर भी जनमता, लाख चौरासी योनि भटकता ।

इनको पृथक् पृथक् गिनवाओ,सिद्ध बनो फिर लौट न आओ ॥

आपके उत्तर 24 घंटे तक किसी को नहीं दिखेंगे 

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4 hours ago, admin said:

बार-बार मरकर भी जनमता, लाख चौरासी योनि भटकता ।

इनको पृथक् पृथक् गिनवाओ,सिद्ध बनो फिर लौट न आओ ॥

आपके उत्तर 24 घंटे तक किसी को नहीं दिखेंगे 

नित्य निगोद

2. इतर निगोद

3. पृथ्वीकायिक

4. जलकायिक

5. अग्निकायिक

6. वायुकायिक

7. वनस्पतिकायिक

8. दो इन्द्रिय

9. तीन इन्द्रिय

10. चार इन्द्रिय

11. नारकी

12. तिर्यञ्च

13. देव

14. मनुष्य

7 लाख

7 लाख

7 लारव

7 लाख

7 लाख

7 लारव

10 लाख

2 लाख

2 लाख

2 लाख

4 लाख

4 लाख

4 लाख

14 लाख

कुल योग 84लाख

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Ekendriya

Nityanigod, itarnigod, prathivi, jal, agni, vayu each 7kakh, *7=42L

Pretkay vanaspati             =10L

Vikelendrya 2,3,4inderya

Each2L                            3*2=6L

Panchendria triyanch        =4L

Narki                                   =4L

Dev                                      =4L

Manushya                           =14L

Total                                     =84Lakh

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10 hours ago, admin said:

 

चौरासी लाख योनि निम्न हैं

1. नित्य निगोद 7 लाख

2. इतर निगोद 7 लाख

3. पृथ्वीकायिक 7 लाख

4. जलकायिक 7 लाख

5. अग्निकायिक 7 लाख

6. वायुकायिक 7 लाख

7. वनस्पतिकायिक 10 लाख

8. दो इन्द्रिय 2 लाख

9. तीन इन्द्रिय 2 लाख

10. चार इन्द्रिय 2 लाख

11. नारकी 4 लाख

12. तिर्यञ्च 4 लाख

13. देव 4 लाख

14. मनुष्य 14 लाख

 

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पृथिवी ,जल ,अग्नि , वायुकाय , नित्य-इतर निगोद में प्रत्येक की ७-७ लाख योनि , प्रत्येक वनस्पति की १० लाख , दो इन्द्रिय से चतुरिन्द्रिय तक प्रत्येक की २-२ लाख , पंचेंद्रिय तिर्यंच - देव -नारकी की ४-४ लाख , मनुष्य की १४ लाख कुल मिलाकर ८४ लाख योनियाँ होती हैं ।

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On 9/10/2020 at 12:37 PM, admin said:

बार-बार मरकर भी जनमता, लाख चौरासी योनि भटकता ।

इनको पृथक् पृथक् गिनवाओ,सिद्ध बनो फिर लौट न आओ ॥

आपके उत्तर 24 घंटे तक किसी को नहीं दिखेंगे 

मनुष्य 

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