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आज 6 एवं 7 सितम्बर 2020 की पहेली


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णमोकार की महिमा न्यारी, सदा रखो तुम इससे यारी

शत अठ बार जपे क्यों त्राता, ज्ञात तुम्हें हो कह दो भ्राता ॥

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समरंभ समारंभ आरंभ के ३ × मन वचन काय के 3 × कृतकारित अनुमोदना के 3 =२७ × क्रोध मान माया लोभ के ४

ऐसे २७×४=१०८ बार रोजाना अपने से पाप होते है इसलिये 108 बार जाप करते है |

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8 hours ago, admin said:

णमोकार की महिमा न्यारी, सदा रखो तुम इससे यारी

शत अठ बार जपे क्यों त्राता, ज्ञात तुम्हें हो कह दो भ्राता ॥

9 का अङ्क शाश्वत है, उसमें कितनी भी संख्या का गुणा करें और गुणनफल को आपस में जोड़ने से 9 ही रहता है। जैसे 9x3=27 (2+7=9) अतः शाश्वत पद पाने के लिए 9 बार पढ़ा जाता है। कर्मो का आस्रव 108 द्वारों से होता है, उसको रोकने हेतु 108 बार णमोकार मन्त्र जपते हैं। प्रायश्चित में 27 या 108 श्वासोच्छवास के विकल्प में 9 बार या 36 बार णमोकार मन्त्र पढ़ सकते हैं

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8 hours ago, admin said:

णमोकार की महिमा न्यारी, सदा रखो तुम इससे यारी

शत अठ बार जपे क्यों त्राता, ज्ञात तुम्हें हो कह दो भ्राता ॥

9 का अङ्क शाश्वत है, उसमें कितनी भी संख्या का गुणा करें और गुणनफल को आपस में जोड़ने से 9 ही रहता है। जैसे 9x3=27 (2+7=9) अतः शाश्वत पद पाने के लिए 9 बार पढ़ा जाता है। कर्मो का आस्रव 108 द्वारों से होता है, उसको रोकने हेतु 108 बार णमोकार मन्त्र जपते हैं। प्रायश्चित में 27 या 108 श्वासोच्छवास के विकल्प में 9 बार या 36 बार णमोकार मन्त्र पढ़ सकते हैं

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  • admin changed the title to आज 6 एवं 7 सितम्बर 2020 की पहेली
On 9/6/2020 at 7:59 AM, admin said:

णमोकार की महिमा न्यारी, सदा रखो तुम इससे यारी

शत अठ बार जपे क्यों त्राता, ज्ञात तुम्हें हो कह दो भ्राता ॥

108 pap ka nash karne ke liye

3sarambh,samarambharambh*3krit,karit,anumodit*3yog*4kashya=108

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हम हर समय मन,वचन,काय से

और कृत, कारित,अनुमोदना से

और समरम्भ, समारम्भ ,आरम्भ

और क्रोध,मान, माया,लोभ से 3×3×3×4=108 द्वारों से कर्मो का आश्रव करते रहते हैं । इसीलिए 108 बार जाप करते हैं,जिससे उन पापों का सँवर और प्रक्षालन हो सके।

 

 

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9 का अङ्क शाश्वत है, उसमें कितनी भी संख्या का गुणा करें और गुणनफल को आपस में जोड़ने से 9 ही रहता है। जैसे 9x3=27 (2+7=9) अतः शाश्वत पद पाने के लिए 9 बार पढ़ा जाता है। कर्मो का आस्रव 108 द्वारों से होता है, उसको रोकने हेतु 108 बार णमोकार मन्त्र जपते हैं। 

एक सौ आठ पापों का क्षय करने की एक भावना  है। (समरंभ , समारम्भ, आरम्भ) गुणा (मन, वचन, काय) गुण (कृत, कारित, अनुमोदना) गुणा (क्रोध, मान, माया, लोभ) = 3 गुणा 3 गुणा 3 गुणा 4 गुणा = 108

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On 9/6/2020 at 7:59 AM, admin said:

णमोकार की महिमा न्यारी, सदा रखो तुम इससे यारी

शत अठ बार जपे क्यों त्राता, ज्ञात तुम्हें हो कह दो भ्राता ॥

4 kashay (krodh maan maaya Lobh)

Samrambh, Samarambh, Aarambh (3)

Krit Kaarit Anumodna (3)

Man Vachan Kaay (3)

 

4*3*3*3= 108

 

108 prakar se kashayo ko rokne ke liye namokar mantra ka 108 baar jaap karte he!!!

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कर्मो का आस्रव 108 द्वारों से होता है, उसको रोकने हेतु 108 बार णमोकार मन्त्र जपते हैं। 

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108 प्रकार के पापों को दूर करने के लिए  कृत कारित अनुमोदना, मन वचन काय, संभ्रम समारंभ आरंभ, क्रोध मान माया लोभ इन को आपस में गुणा करने पर 108 होता है उससे बचने के लिए णमोकार मंत्र की 108 बार जाप देते हैं

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