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श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, वहलना, मुजफ्फरनगर, उ.प्र.


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अतिशय क्षेत्र वहलना

नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, वहलना, ग्राम - वहलना, जिला - मुजफ्फरनगर (उत्तरप्रदेश) पिन - 251 002

टेलीफोन - 09682057777 , email - jainmandirvehina@gmail.com

क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 21, ए.सी.कमरे - 10, वातानुकूलित कमरे - 17 कमरे कूलर सहित - 18 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 60), गेस्ट हाऊस -1

यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200

भोजनशाला - अनुरोध पर, नि:शुल्क

औषधालय - है,प्राकृतिक चिकित्सालय

पुस्तकालय - है, पुस्तकें लगभग 1000 

एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है।

आवागमन के साधन

रेल्वे स्टेशन - मुजफ्फरनगर - 5 कि.मी.

बस स्टेण्ड - मुजफ्फरनगर - 5 कि.मी.

पहुँचने का सरलतम मार्ग - मुख्य हाईवे से 1.5 कि.मी. मारूति वैन उपलब्ध। दिल्ली - देहरादून हाइवे क्र. 58 से 1.5 कि.मी. की दूरी पर

निकटतम प्रमुख नगर - मुजफ्फरनगर-5 कि.मी.,दिल्ली-125 कि.मी.,मेरठ - 50 कि.मी., हरिद्वार-80 कि.मी.

प्रबन्ध व्यवस्था

संस्था - श्री दि, जैन अतिशय क्षेत्र, वहलना,(रजि.), प्रबंधकारिणी समिति

संरक्षक - श्री नरेन्द्रकुमार जैन (093580 05427)

अध्यक्ष - श्री श्रेयांसकुमार जैन (093191 55248)

महामंत्री - श्री राजकुमार जैन नावला वाले (094122 13198)

कोषाध्यक्ष - श्री रजनीश जैन (09897259199)

प्रबन्धक - श्री दिनेशचन्द्र जैन (०93199 10193)

क्षेत्र का महत्व

क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 01

क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं।

ऐतिहासिकता - वहलना का प्राचीन नाम 'बेहरानगर' था। लगभग 200 वर्ष पूर्व बेहरा नगर एक बड़ा नगर था जहाँ 300 जैन परिवार रहते थे एवं भगवान पार्श्वनाथ का भव्य जिनालय था। मूर्ति श्वेत पाषाण की नौ फणवाली भगवान पाश्र्वनाथ की अति सुन्दर एवं अतिशययुक्त है। उपाध्याय 108 श्री नयनसागरजी मुनिराज की प्रेरणा से भगवान पाश्र्वनाथ की 31 फुट उँची खड्गासन प्रतिमा स्थापित की गई है।

विशेष जानकारी - क्षेत्र पर 57 फीट ऊँचा मानस्तम्भ, पाण्डुक शिला एवं महावीर बाल वाटिका है। तीन समाधियाँ मुनिराज सुपाश्र्वसागरजी, श्री बोधसागरजी संघस्थ आचार्य श्री धर्मसागरजी (1975), मुनि श्री चारित्रभूषणजी (2002) की हैं। श्री चतुरसेन जैन मेमोरियल प्राकृतिक 20 बेड चिकित्सालय, योग एवं शोध संस्थान, पाश्र्व नौका विहार, अश्व वन, तीर्थंकर केवली वृक्ष वाटिका, ध्यान केन्द्र, हरियाली फव्वारें आदि सुन्दर रमणीय स्थान है।

वार्षिक मेले - 2 अक्टूबर, 18 अप्रैल, पाश्र्वनाथ निर्वाण महोत्सव

समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

हस्तिनापुर - 60 कि.मी., बड़ागाँव - 105 कि.मी., हरिद्वार - 80 कि.मी., मसूरी-150 कि.मी.,बद्रीनाथ-400 कि.मी.,देहरादून-125 कि.मी.,मेरठ-50 कि.मी.

आपका सहयोग :

जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

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