admin Posted January 4, 2019 Share Posted January 4, 2019 अतिशय क्षेत्र मौजमाबाद राजस्थान नाम एवं पता - श्री आदिनाथ अतिशय क्षेत्र, मौजमाबाद, ग्राम एवं तह.-मौजमाबाद, जिला-जयपुर, राजस्थान, पिन - 303009 टेलीफोन - फोन : 01428 - 252655, 08104159969, मैनेजर - बाबूलाल जैन क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - कमरे (बिना बाथरूम) - 10 हाल - 3(यात्री क्षमता 100), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 160, धर्मशाला - 2 - पुरानी भोजनशाला - नहीं औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं। एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। विशेष आने वाले यात्रियों को सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध हैं। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - नारायना - 25 कि.मी., बगरु 23 कि.मी., फागी 23 कि.मी. बस स्टेण्ड - मौजमाबाद बस स्टेण्ड है। दूदू बस स्टेण्ड 13 कि.मी. दूर है। पहुँचने का सरलतम मार्ग - जयपुर अजमेर सड़क पर दूदू से - 13 कि.मी. जयपुर - अजमेर पर हाइवे पर-12 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - दूदू - 13 कि.मी., जयपुर - 54 कि.मी., नारायना - 25 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - मंदिर प्रबन्ध कार्यकारिणी कमेटी, मौजमाबाद अध्यक्ष - श्री अशोक कुमार बोहरा, मौजमाबाद (09214952332) उपाध्यक्ष - श्री महावीर कुमार पाटोदी मंत्री - श्री तेजकरण चौधरी, मौजमाबाद (01428-252558, 9214586861) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02, मंदिर एवं नसियां क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : राजस्थान के प्राचीन अतिशय क्षेत्रों में मौजमाबाद का विशेष महत्व है। यहाँ पर एक छोटा मंदिर एवं नसियां भी हैं। छोटे मंदिर में समवशरण में 1008 श्री नेमीनाथ भगवान विराजमान हैं। सन् 1607 में आमेर के शासक एवं बादशाह अकबर के कृपा पात्र राजा मानसिंह के प्रधान आमात्य नानूमल गोधा द्वारा तीन शिखरों एवं दो भूमिगत भौहरें का निर्माण भी करवाने पर यह मंदिर भौहरें के नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर के ऊपर तीन शिखर हैं। भूमिगत तलघर में तीर्थंकरों की कलापूर्ण मूर्तियां विराजमान हैं। भगवान आदिनाथ की विशाल पद्मासन मूर्ति है, जिसके सम्मुख स्तुति करने पर मनोकामना पूर्ण होती है। छोटे तलघर में अखण्ड ज्योति जलती है। मंदिर के गुम्बज पर जैन संस्कृति की कलापूर्ण चित्रावली अंकित है। मंदिर पर मुसलमानों का आक्रमण होने पर दीवार एवं दरवाजों पर खुदी प्रतिमाओं को खण्डित किया गया तब उन पर क्षेत्रपाल ने गोले बरसाये। नन्दीश्वर द्वीप वाली चवरी में श्री 1008 पद्मप्रभु भगवान के सामने समाज के द्वारा पूजन करने पर ठोना वहां से खिसकता था। यह अद्भुत चमत्कार है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - नारायना-25 कि.मी., नारेली-80 कि.मी., पदमपुरा-80 कि.मी., लूणवा-80 कि.मी. संघीजी मंदिर सांगानेर - 60 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| Link to comment Share on other sites More sharing options...
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