Jump to content
फॉलो करें Whatsapp चैनल : बैल आईकॉन भी दबाएँ ×
JainSamaj.World

श्री विघ्नहर पार्श्वनाथ दि. जैन मन्दिर अतिशय क्षेत्र, आष्टा, उस्मानाबाद (महाराष्ट्र)


Recommended Posts

अतिशय क्षेत्र आष्टा (कासार) महाराष्ट्र

नाम एवं पता - श्री विघ्नहर पार्श्वनाथ दि. जैन मन्दिर अतिशय क्षेत्र, आष्टा (कासार) तहसील - लोहारा, जिला - उस्मानाबाद (महाराष्ट्र)

पिन - 413604

टेलीफोन - 02475 - 259015

 

क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

आवास - कमरे - 6, त्यागी निवास - 1 (44' x 12'), हाल - 3 (यात्री क्षमता - 250) प्रवचन हॉल - 1 (60' x40') मंदिर में बिजली, कुँआ एवं बर्तन भी उपलब्ध हैं।

भोजनशाला - सशुल्क - अनुरोध पर

औषधालय - शासकीय ग्रामीण रुग्णालय है।

पुस्तकालय - है।

विद्यालय - है  

संस्था - शासकीय अनुदान प्राप्त है

एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है।

 

आवागमन के साधन

रेल्वे स्टेशन - सोलापुर - 65 कि.मी.

बस स्टेण्ड - आष्टा (कासार)

पहुँचने का सरलतम मार्ग - सोलापुर - हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 9 पर आष्टा मोड़ पर समस्त दिशाओं से आने-जाने वाली बसें रूकती हैं, वहाँ से 5 कि.मी. आष्टा गांव तक पक्की सड़क है।

निकटतम प्रमुख नगर - सोलापुर - 65 कि.मी., उस्मानाबाद जिला - 70 कि.मी., लातूर - 100 कि.मी.

 

प्रबन्ध व्यवस्था

संस्था - श्री विघ्नहर पार्श्वनाथ दि. जैन मन्दिर अतिशय क्षेत्र,आष्टा (कासार)

अध्यक्ष - श्री अरिंजय लीलाचन्द गांधी, अक्कलकोट (02181-220291)

मंत्री - श्री बाबूराव रंगनाथराव भस्मे, आष्टा (कासार) (02475-259015)

 

क्षेत्र का महत्व

क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01

क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

ऐतिहासिकता : यह अति प्राचीन अतिशय क्षेत्र है। विघ्न आने पर भक्तिभाव से घी का अभिषेक करने पर विघ्न दूर हो जाता है, ऐसी लोगों की श्रद्धा है। पद्मासन प्रतिमा के सिर पर सर्प लांछन न होकर पाद पीठ पर सर्प लांछन बना हुआ है। यह क्षेत्रकासार आष्टा' के नाम से जाना जाता है।

विशेष जानकारी : भगवान पार्श्वनाथ के केवलज्ञान कल्याणक पर प्रतिवर्ष तीर्थ पर चैत्रवदी चौथ का वार्षिक मेला लगता है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध-प्रदेश से तीर्थ यात्री आते हैं। बरसात में क्षेत्र दर्शनीय हो जाता है एवं महल के ऊपर से पानी गिरता है।

समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - सांवरगांव - 45 कि.मी., नाईचाकूर - 50 कि.मी., तड़कल - 70 कि.मी., तेर - 90 कि.मी. ये सभी अतिशय क्षेत्र हैं। सिद्धक्षेत्र, कुंथलगिरि - 120 कि.मी., नलदुर्गका किला - 15 कि.मी.

आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

Link to comment
Share on other sites

  • Who's Online   0 Members, 0 Anonymous, 18 Guests (See full list)

    • There are no registered users currently online
  • अपना अकाउंट बनाएं : लॉग इन करें

    • कमेंट करने के लिए लोग इन करें 
    • विद्यासागर.गुरु  वेबसाइट पर अकाउंट हैं तो लॉग इन विथ विद्यासागर.गुरु भी कर सकते हैं 
    • फेसबुक से भी लॉग इन किया जा सकता हैं 

     

×
×
  • Create New...