admin Posted December 21, 2018 Share Posted December 21, 2018 सिद्ध क्षेत्र सोनागिरिजी मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, सोनागिरिजी ग्राम-सोनागिरि (सिनावल),तहसील/जिला-दतिया (मध्यप्रदेश) पिन- 475685 टेलीफोन - 07522-262222 (कार्यालय) 262223 (मंत्री), 09425726867 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 65, कमरे (बिना बाथरूम) - 20 हाल - 3,(छात्रावास - 50 बचे) गेस्ट हाऊस - 1 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000 अन्य सुविधा - कुन्दकुन्द नगर, अटैच कमरे-65, गेस्ट हाउस - 13 कुन्दकुन्द नगर (70 कमरे) 262307 विशाल धर्मशाला (70 कमरे) 262375 तेरापंथी कोठी (40 कमरे) 262226 भट्टारक कोठी (30 कमरे) 262230 बीसपंथी कोठी (10 कमरे)262360 जैसवाल धर्मशाला (40 कमरे) भोजनशाला - नि:शुल्क, नियमित पुस्तकालय - नहीं। औषधालय - है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। विद्यालय - है - व्रती आश्रम, शिक्षण परिषद्, अनेक अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित द्यर्मशालायें एवं मन्दिर भी हैं। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - सोनागिरि - 3 कि.मी. क्षेत्र की ओर से नियमित बस उपलब्ध बस स्टेण्ड - दतिया - 15 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क व रेलमार्ग से स्टेशन-3 कि.मी,दतिया,ग्वालियर-झाँसी हेतु सड़क मार्ग - 5 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - दतिया - 15 कि.मी., ग्वालियर - 65 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन सिद्धक्षेत्र सोनागिरि संरक्षिणी कमेटी अध्यक्ष - श्री प्रदीप जैन, दिल्ली (011-23310198,23350120) मंत्री - श्री ज्ञानचन्द जैन, अधिवक्ता, ग्वालियर (09425724835) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : प्राचीन-77 जिनालय, नन्दीश्वर द्वीप एवं 3 नवीन जिनालय, कुल 80, तलहटी में 27 जिनालय क्षेत्र पर पहाड़ : है (84 सीढ़ियाँ है एवं डोली की व्यवस्था है) ऐतिहासिकता : यह एक सिद्धक्षेत्र है। यहाँ से नंग, अनंग कुमार सहित साढ़े पांच कोटि मुनि चतुर्थकाल में मोक्ष पधारे थे। 8वें तीर्थंकर भगवान चन्द्रप्रभु जी का समवशरण भी कई बार यहाँ आया है। यहाँ उनकी सातिशय प्रतिमाएँ विराजमान हैं। मन्दिर क्र. 57 में मूलनायक प्रतिमा चन्द्रप्रभु की 3 मीटर ऊँची, खड्गासन, अतिशययुक्त विराजमान है। पहाड़ पर नारियलकुंड व बाजनी शिला आकर्षण का केन्द्र है। पहाड़ प्रदक्षिणा का घेरा - 3 कि.मी. है। प्रतिवर्ष होली पर चैत्रबदी एकम से पंचमी तक मेला लगता है। श्री नंदीश्वर द्वीप की भव्य रचना दर्शनीय है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : ग्वालियर व समस्त बुन्देलखंड की यात्राएँ प्यावलजी - 50 कि.मी., गोपाचल ग्वालियर-65 कि.मी., सिंहोनिया-120 कि.मी., करगुँवा-झाँसी (उ.प्र.)-50 कि.मी. महावीरजी 300 कि.मी., प्रतिदिन बस उपलब्ध। आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| Link to comment Share on other sites More sharing options...
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