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श्री दिगम्बर जैन तीर्थ, पुष्पगिरि, सोनकच्छ, देवास (म.प्र.)


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अतिशय क्षेत्र पुष्पगिरि मध्यप्रदेश

नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन तीर्थ, पुष्पगिरि, सोनकच्छ ग्राम - पुष्पगिरि, तहसील - सोनकच्छ, जिला - देवास (म.प्र.) पिन - 455 118

टेलीफोन - 094250 48187

 

क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

आवास कमरे (अटैच बाथरूम) - 60, कमरे (बिना बाथरूम) - 11 हाल - 6, (यात्री क्षमता - 100) | गेस्ट हाऊस - X

यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 600 अन्य निर्माणाधीन 100 बिस्तरों का अस्पताल, वर्तमान में एक्सरे आदि की सुविधा उपलब्ध। चलित चिकित्सालय गांव-गांव में जाकर चिकित्सा सेवा प्रदान कर रहा है,होस्टल प्रारंभ हो चुका है।

भोजनशाला - है, स:शुल्क, नियमित

औषधालय - है (ऐलोपेथिक) भगवान पद्मप्रभु चिकित्सालय

पुस्तकालय - वाचनालय में पुस्तकें लगभग 3000 हैं। नियमित पत्रिकाएँ 20 हैं।

विद्यालय - है, माँ जिनवाणी पब्लिक स्कूल, माँ जिनवाणी कालेज

 

आवागमन के साधन 

रेल्वे स्टेशन - देवास - 25 कि.मी., इन्दौर - 65 कि.मी., उज्जैन-64 कि.मी.

बस स्टेण्ड - सोनकच्छ - 4 कि.मी.

पहुँचने का - सड़क मार्ग - इन्दौर भोपाल हाइवे पर

निकटतम प्रमुख नगर - सोनकच्छ -4 कि.मी., देवास - 25 कि.मी., इन्दौर - 65 कि.मी., भोपाल-125 कि.मी.
 

प्रबन्ध व्यवस्था

संस्था - श्री पुष्पदंतसागर दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति न्यास, पुष्पगिरि

अध्यक्ष - श्री अशोक कुमार दोशी, मुम्बई (09820430114)

महामंत्री - श्री कृष्णकुमार जैन (094259 27204)

कोषाध्यक्ष - श्री निर्मल कुमार जैन, इन्दौर (09425306501)

सहमंत्री - श्री प्रवीणकुमार जैन (09425306488)

जन संपर्क - श्री राजेश जैन (आवास प्रभारी) (094250 48187)

 

क्षेत्र का महत्व

क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 05 ।

क्षेत्र पर पहाड़ : पहाड़ी पर है, वाहन जाते हैं।

ऐतिहासिकता : 250 एकड़ की विशाल भूमि, सुरम्य पहाड़ी, करोड़ों की लागत और अनेकों जनकल्याणकारी योजनाएं पुष्पगिरि की आधारशिला हैं। आचार्य श्री पुष्पदंतसागर जी को स्वप्न देकर सीहोर के समीप गाँव से भगवान पार्श्वनाथ की 1500 वर्ष प्राचीन प्रतिमा प्राप्त हुई थी। आचार्यश्री की प्रेरणा से संत/साध्वी निवास, जिनालय, धर्मशाला, त्यागीआश्रम, गौशाला, स्कूल, चिकित्सा केन्द्र इत्यादि निर्मित हो चुके हैं। भावी योजनाओं में मेडिकल एवं इन्जीनियरिंग कॉलेज, आरोग्यधाम, म्यूजियम, मनोरम झील, मुनिश्री तरूणसागर सभागृह, मुनि श्री प्रसन्नसागर छात्रावास, मुनि श्री पुलक सागर वात्सल्यधाम इत्यादि है। 23 फीट ऊँची पद्मासनभ.पार्श्वनाथकी प्रतिमा विराजमान है।

समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - मक्सीपार्श्वनाथ-65 कि.मी., गोम्मटगिरि-इन्दौर -70 कि.मी., सिद्धवरकूट-130 कि.मी., सिद्धोदय (नेमावर)-120 कि.मी., गन्धर्वपुरी - 13 कि.मी.

पका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

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