admin Posted December 19, 2018 Share Posted December 19, 2018 अतिशय क्षेत्र/कला क्षेत्र नोहटा (आदीश्वरगिरि) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय तीर्थक्षेत्र, आदीश्वरगिरि, नोहटा ग्राम-नोहटा, तहसील-जबेरा, जिला-दमोह (मध्यप्रदेश) पिन - 470 663 टेलीफोन - 078984 89110 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - निर्माणाधीन,कमरे (बिना बाथरूम) -7 हाल - 1-निर्माणाधीन (यात्री क्षमता-25), गेस्ट हाउस - शासकीय यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100. भोजनशाला - अनुरोध पर, सशुल्क औषधालय - ग्राम में सभी प्रकार के हैं पुस्तकालय - है-200 पुस्तकें उपलब्ध हैं। विद्यालय - विचाराधीन है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - दमोह - 23 कि.मी. बस स्टेण्ड - नोहटा - 1 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - दमोह - जबलपुर राजमार्ग क्र. 37 पर, दमोह से 23 कि.मी. एवं जबलपुर से 82 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - दमोह - 23 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय तीर्थक्षेत्र,आदीश्वरगिरि क्षेत्र समिति,नोहटा अध्यक्ष - श्री उमेश कुमार जैन (07606-257394, 09893674056) महामंत्री - श्री भागचन्द गांगरा (07606-257204) मंत्री - श्री खेमचन्द्र जैन (शिक्षक) व्यवस्थापक - श्री भालचन्द जैन (78984 89110) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 एवं ग्राम में 3, प्रस्तावित - 01 क्षेत्र पर पहाड़ : पहाड़ी है, पहुँच मार्ग सुगम है। सभी वाहन जाते हैं। मुख्य सड़क स्थित प्रवेश द्वारा से 1 कि.मी. दूरी पर है। ऐतिहासिकता : इस पवित्र ग्राम में नौ मढ़ा (पाषाण निर्मित) थे, नौ-हाट (बाजार) लगने से नोहटा पड़ा। यह क्षेत्र ब्यारमा एवं गौरैया सरिता संगम के तट की पहाड़ी पर स्थित है। इस क्षेत्र में स्थापित विभिन्न अतिशयकारी प्रतिमाएँ9वीं - 10 वीं शताब्दी से लेकर 21 वीं शताब्दी तक की हैं। भगवान आदिनाथ एवं चन्द्रप्रभ भगवान की भी प्राचीन मूर्तियाँ है। यहाँ मंदिर एवं मूर्तिकला का स्वर्णिम युग रहा है। यहाँ सन् 1989 को आचार्य विद्यासागरजी का अल्प प्रवास हुआ था। विरासत में मिली आदीश्वरगिरि शाश्वत भूमि है। क्षेत्र में अष्ट प्रातिहार्य युक्त प्रतिमाएँ हैं। भ, आदिनाथ (7 फुट -लाल पाषाण) व शिकाल चौबीसी जिनालय का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। देव दर्शन सदैव प्राप्त होते हैं। विशेष जानकारी : विश्व में प्रथम अष्ट जिन बिम्ब युक्त 'चैत्य स्तंभ’ भी है। अध्ययन व अन्वेषण का विषय है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - कुण्डलपुर (दमोह)-60 कि.मी., कोनीजी (पाटन)-65 कि.मी., बहोरीबन्द-70 कि.मी., मढ़ियाजी (जबलपुर) -85 कि.मी., पटेरियाजी (गढ़ाकोटा)-58 कि.मी., चौपड़ा-चंडी (दमोह) - 15 कि.मी., तेजोदय-तेजगढ़-16 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| Link to comment Share on other sites More sharing options...
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